सरसों की आवक के साथ ही मंडियों में लौटने लगी रौनक

कृषि जिन्सों की आवक से धान मण्डी में रौनक लौटने लगी है। सरसों की आवक धीरे-धीरे जोर पकड़ रही है। पिछले एक सप्ताह से प्रतिदिन करीब एक हजार क्विंटल सरसों की आवक हो रही है। समर्थन मूल्य पर सरसों की खरीद अभी तक शुरू नहीं होने से किसानों को कम दाम पर सरसों बेचनी पड़ रही है। सरसों 4600 से 5000 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर बिक रही है.

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धान मंडी में रौनक लौट आई

सरसों की फसल आने से सूने खेतों में रौनक लौट आई है। सरसों की आवक से पीड़ा भरी नजर आ रही है। कृषि उपज मंडी समिति के सहायक सचिव बलदेव सिंह राठौड़ ने पत्रिका को बताया कि पिछले एक पखवाड़े से धान मंडी में नई सरसों की आवक शुरू हो गई है। सरसों की आवक दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इन दिनों धान मंडी में सरसों की आवक एक हजार से 1300 क्विंटल प्रतिदिन है। आने वाले दिनों में यह चलन और जोर पकड़ेगा। धान मंडी में कृषि जिंसों के साथ-साथ विभिन्न खाद्य पदार्थों की आवक होने से अन्य दुकानों पर भी कारोबार बढ़ गया है और मंदी की मार झेल रहे दुकानदारों को मंदी से कुछ राहत मिली है।

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सरसों और चने की सरकारी खरीद 1 अप्रैल से

सादुलशहर क्रय-विक्रय सहकारी समिति लिमिटेड के लेखाकार कुलदीप हुडा ने पत्रिका को बताया कि सरसों व चने की समर्थन मूल्य पर खरीद का कार्य 1 अप्रैल से शुरू होगा। इस बार सरसों का समर्थन मूल्य 5650 व चने का समर्थन मूल्य 5650 रुपए तय किया गया है। 5440 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित है, जबकि सरसों एवं चने का ऑनलाइन पंजीयन कार्य 20 मार्च से प्रारंभ हो चुका है। इसके तहत प्रति जनसंख्या एक ही पंजीयन मान्य है। खरीद केंद्र पर फसल बेचान के लिए आने वाले किसान से आधार आधारित प्रमाणीकरण के बाद ही वस्तु खरीदी जाएगी। सरसों व चने के लिए अब तक करीब 200 किसानों ने पंजीकरण कराया है।

खरीद की सभी तैयारियां पूरी

खरीदी केन्द्र प्रभारी एवं क्रय-विक्रय सहकारी समिति लि. लेखाकार कुलदीप हुडा ने पत्रिका को बताया कि सादुलशहर क्रय-विक्रय सहकारी समिति लिमिटेड द्वारा राजफैड व नैफेड के लिए समर्थन मूल्य पर सरसों की खरीद की जा रही है। खरीद केंद्र टिंडा मंडी की ओर से की जाएगी। उपार्जन केन्द्र पर सभी आवश्यक तैयारियां एवं समुचित व्यवस्थाएं कर ली गई हैं तथा 14 हजार गठान बारदाना समिति को उपलब्ध करा दिये गये हैं। हुड्डा ने कहा कि खरीद केंद्र पर प्रति किसान 25 क्विंटल तक सरसों की खरीद की जाएगी, जिसमें प्रति हेक्टेयर 17.49 क्विंटल सरसों और प्रति हेक्टेयर 10.95 क्विंटल चना खरीदा जाएगा.

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तैलीय मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ गया है

खेतों में सरसों की फसल कटने के साथ ही तैलीय मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ गया है, जिससे वाहन चलाने में सबसे ज्यादा परेशानी दोपहिया वाहन चालकों को हो रही है। आंखों में मच्छर पड़ने से दुर्घटना होने की आशंका रहती है। पूरे क्षेत्र में सरसों की फसल के इन तैलीय मच्छरों का प्रकोप पैदल चलने वाले नागरिकों को भी झेलना पड़ रहा है।