wheat rate 1 june 2024 : गेंहू के भावो में आई नरमी देखे आज का गेंहू का बाजार

wheat rate 1 june 2024  नई दिल्ली। प्रमुख उत्पादक राज्यों की महत्वपूर्ण मंडियों में गेहूं की आवक भले ही कम हो रही है, लेकिन मिल मालिकों और व्यापारियों द्वारा ऊंचे दामों पर खरीद की धीमी गति के कारण 25-31 मई के सप्ताह में इसके दामों में सामान्य रूप से गिरावट रही। कुछ मंडियों में दाम बढ़े भी। राजस्थान की मंडियो में गेंहू का भाव अभी हलकी तेजी के साथ 2400 से 2600 रु के स्तर पर बनी हुई है

दिल्ली गेंहू भाव एवम बाजार wheat rate 1 june 2024

समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान दिल्ली में यूपी/राजस्थान से आने वाले गेहूं के दाम 20 रुपये घटकर 2580 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, जबकि इसकी औसत दैनिक आवक 5 हजार बोरी है।

गुजरात में गेंहू का रेट

गुजरात के राजकोट में गेहूं के दाम 250 रुपये प्रति क्विंटल और मध्य प्रदेश की बेंचमार्क इंदौर मंडी में 225 रुपये घटकर क्रमश: 2500/3000 रुपये प्रति क्विंटल और 2430/2875 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। लेकिन भारी गिरावट के बावजूद गेहूं के दाम सरकारी समर्थन मूल्य से ऊंचे बने रहे।

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मध्य प्रदेश में गेंहू का बाजार  wheat rate 1 june 2024

लेकिन मध्य प्रदेश की कुछ अन्य मंडियों में गेहूं के दाम ऊंचे बने रहे। इसके तहत देवास में 300 रुपये प्रति क्विंटल तथा उज्जैन और भोपाल में 100-100 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि दर्ज की गई। इटारसी में 40 रुपये की नरमी रही। नरमी का रुख राजस्थान में भी देखने को मिला जहां कोटा में गेहूं का भाव 50 रुपये, बारां में 25 रुपये तथा बूंदी में 75 रुपये कमजोर हुआ। उत्तर प्रदेश की मंडियों में भी गेहूं के भाव में नरमी या स्थिरता दर्ज की गई। महाराष्ट्र की जालना मंडी में भाव स्थिर रहे। सभी राज्यों में गेहूं की कटाई पूरी हो चुकी है।

गेंहू का स्टॉक स्टॉक/उत्पादन

केंद्रीय बफर स्टॉक के लिए निर्धारित 373 लाख टन के लक्ष्य के मुकाबले अब तक केवल 264 लाख टन गेहूं की खरीद हुई है तथा खरीद प्रक्रिया भी जल्द ही समाप्त होने की संभावना है क्योंकि सरकारी खरीद केंद्रों पर बहुत कम मात्रा में गेहूं की आवक हो रही है। खुले बाजार में किसानों को ऊंचे दाम मिल रहे हैं। सरकार ने अनुमान लगाया है कि इस बार गेहूं का घरेलू उत्पादन बढ़कर 1120.20 लाख टन के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच जाएगा, लेकिन लगभग सभी प्रमुख योगदानकर्ता राज्यों में खरीद निर्धारित लक्ष्य से पीछे चल रही है।

गेंहू की सरकारी खरीद 2024

सरकारी खरीद अपेक्षित स्तर तक नहीं पहुंचने और किसानों द्वारा स्टॉक रोके रखने से गेहूं की कीमतों में और मजबूती आ सकती है। सरकार से मांग है कि गेहूं के शुल्क मुक्त आयात की अनुमति दी जाए। अगर इसे स्वीकार कर लिया जाता है तो घरेलू बाजार में गेहूं की कीमतों पर दबाव कुछ हद तक बढ़ सकता है।