Warranty Vs Insurance: इलेक्‍ट्रॉनिक सामान खरीदने पर वारंटी या इंश्योरेंस? जानिए दोनों में क्या है फायदेमंद

Farming Expert, New Delhi : नए साल की शुरुआत में बस कुछ ही दिन बाकी है। साल की शुरुआत पर लोग इलेक्ट्रोनिक आइटम समेत कई चीजें गायब होने की चाहत रखते हैं।

लोगों की मांग को पूरा करने में आज इलेक्ट्रोनिक आर्किटेक्ट्स बहुत जरूरी हो गए हैं और लोगों की मांग लगातार जनसंख्या जा रही है। इलेक्ट्रोनिक गैजेट्स की कीमत सबसे ज्यादा है और बाजार में होने का कारण बार बार रिवर्ट होना संभव नहीं है।

इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद होते हैं तो हमेशा खराब होने का खतरा रहता है। ऐसे में कीमती सामान के साथ रिवाइवल लेना भी जरूरी है। इलेक्ट्रोनिक सामान पर स्वामित्व या आयातित सामान है, लेकिन इन दोनों में से किसे अधिक खतरनाक है। आइए जानते हैं.

दाम

रेजिडेंट मैन्युफैक्चरर्स या रीटेलर्स के एग्रीमेंट्स किसी भी उत्पाद की मरम्मत या बदलाव की एक निर्धारित समय सीमा देते हैं। रेज़िथा का मूलाधार अक्सर सीमित होता है,

जो सेकोरियोटी के बजाय विशेष प्रकार की सैटालियाँ या गतिविधि को कवर करता है। लेकिन अगर आपके बाजार की अवधि खत्म हो गई है तो रिपेयरिंग का खर्चा आप खुद से उठाएंगे।

ग्राहक कागज तो अपने उत्पाद का बीमा भी ले सकते हैं। जिसमें निगम का व्यवसाय और बहुत बड़ा हो जाता है। इसमें मशीनरी या इलेक्ट्रिकल समस्या शामिल है।

इलेक्ट्रोनिक उत्पादों के रसायनों पर अचानक से ख़राबी, चोरी या हानि सहित कई प्रकार के जोखिम की श्रृंखला को कवर किया जाता है। मन आपने अपने फ़ोन का बीमा ले लिया है। जो अगर चोरी हो जाता है तो उसका कैमरा क्लेम हो जाएगा।

बाज़ार से बाज़ार है

देखा जाए तो वुड्स का प्रीमियम रेट सबसे ज्यादा होता है। व्यवसाय के दस्तावेज़ों का मूल्य थोड़ा अधिक होगा, आपको एक ही तरह से प्रीमियम का भुगतान करना होगा।

जहां पर आम तौर पर बागानों की कास्ट प्रीमियम प्रीमियम से कम रहती है। ऐसे में अगर आपको अपने गैजेट का सही से उपयोग करने का भरोसा है तो आप पैसे के लिए दिवालियापन का विकल्प चुन सकते हैं, जिसमें चोरी या दुर्घटना के नुकसान के अलावा खराब होने का भी सहारा रहता है।