गेहूं में पीलापन का ऐसे करे पक्का इलाज

नमस्कार किसान साथियों, इस समय गेहूं की फसल की बात करें तो लगभग 70 से 75 दिन हो गए हैं और इस समय उत्तर भारत समेत कई इलाकों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। जिससे गेहूं की फसल में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। ऐसे में आपकी फसल में सभी तत्वों की आवश्यकता को पूरा करना जरूरी है. इसके अलावा सूर्य की रोशनी कम होने के कारण प्रकाश संश्लेषण की क्रिया भी बहुत कम होती है।

इस कमी से आता है पीलापन

ऐसे में किसानों के मन में अक्सर यह सवाल रहता है कि उनकी गेहूं की फसल में सभी पोषक तत्वों की कमी की भरपाई कैसे की जा सकती है. किसान सीधे स्प्रे के माध्यम से भी अपनी फसलों में पोषक तत्वों की आपूर्ति पूरी कर सकते हैं। आइए आपको बताते हैं कि अगर आपने गेहूं की बुआई के समय भी पोटाश का इस्तेमाल नहीं किया है. तो आपकी फसल में पोटाश की कमी देखने को मिल सकती है. इसलिए किसान मित्रों इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें ताकि आप सभी को पूरी जानकारी मिल सके।

किसान मित्रों, पौधों की वृद्धि के लिए पोटेशियम एक बहुत ही महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। पौधे में पोटाश की कितनी कमी है? क्योंकि मिट्टी में इन तत्वों की लगातार कमी होती जा रही है, जिसके कारण इन पोषक तत्वों की कमी के कारण पानी और अन्य पोषक तत्वों का उपयोग नहीं हो पाता है। ऐसी स्थिति में जलभराव, पत्ती रोग और फसल सूखने जैसी समस्याएँ भी हो सकती हैं।

फसलों में दिख रहे लक्षण

किसान मित्रों, पोटाश का प्रयोग करने से पहले हमें यह जान लेना चाहिए कि फसल में पोटाश की कमी से क्या लक्षण हो सकते हैं। अगर गेहूं की फसल में पोटाश की कमी की बात करें तो ऊपरी पत्तियां पीली पड़ जाती हैं. ऐसे में ऐसा लगता है कि पत्तियां जल गई हैं. ऐसे में हमें ऐसा लगता है कि पतियों के पक्ष में चली गई हैं और पतियों की लंबाई और साइज भी काफी कम रह गई है। अगर आपकी भी गेहूं की फसल में ऐसे लक्षण दिखें तो संभव है कि पोटाश की मात्रा कम है. इसलिए पोटाश का प्रयोग करना जरूरी है।

गेहूं की फसल में पोटाश छिड़काव विधि

गेहूं की फसल में आप पोटाश की पूर्ति छिड़काव के माध्यम से भी कर सकते हैं. लेकिन पौधे पर इसका असर कुछ समय बाद दिखाई देने लगता है. यदि आप फसल में पोटाश की कमी को दूर करना चाहते हैं तो आप स्प्रेयर के माध्यम से छिड़काव करके भी ऐसा कर सकते हैं। ऐसे में समय भी बचता है और पैसे भी बचते हैं. पोटाश की आपूर्ति के लिए कई तरीके अपनाए जा सकते हैं।

पोटाश की पूर्ति

पोटाश की पूर्ति के लिए आप गेहूं की फसल में प्रति एकड़ एक से दो किलोग्राम ए. मोती का उपयोग कर सकते हैं। जो आपको बाजार में 50 किलो के बैग में उपलब्ध है. जिसे आप स्प्रे के माध्यम से स्प्रे कर सकते हैं. ताकि आपकी फसल में पोटाश की मात्रा पूरी हो सके.
इसके अलावा पोटाश की पूर्ति के लिए आप गेहूं की फसल में एनपीके 00-00-50 का प्रयोग कर सकते हैं. किसान मित्र इसकी एक ग्राम मात्रा को पानी में मिलाकर स्प्रे के माध्यम से छिड़काव कर सकते हैं।
आपको बता दें कि एफएमसी (लीजेंड) 20% जैविक पोटाश और 1.5% सल्फर का उपयोग आपकी गेहूं की फसल में पोटाश की आपूर्ति के लिए भी किया जा सकता है। इसका प्रयोग आपकी गेहूं की फसल में अच्छे परिणाम दे सकता है। इसकी मात्रा की बात करें तो यह 48 ग्राम प्रति एकड़ होनी चाहिए, हालांकि यह थोड़ी महंगी है।

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