उत्पादन कम होने से जौ में और तेजी की संभावना बियर वाली कंपनी खरीद रही 2200 से ऊपर – जौ भाव रिपोर्ट 2024

जौ भाव रिपोर्ट 2024 – नई दिल्ली, 27 अप्रैल जौ की बिजाई इस बार कम हुई थी। दूसरी ओर पाइप लाइन में पुराना माल फसल आने से पहले ही निपट चुके थे। नई फसल दो महीने से ही आ रही है, जिससे नीचे भाव बनने के बाद 100 रुपए उत्पादक मंडियों में बढ़ गए हैं। अतः कुछ दिन ठहर कर और व्यापार भरपूर लाभदायक रहेगा।

इस बार जौ की बिजाई राजस्थान सहित सभी उत्पादक राज्यों में कम हुई थी, इसकी नई फसल राजस्थान एमपी में दो महीने से आ रही है, जिसमें शत प्रतिशत स्टॉक में जौ जा चुका है।

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इधर बीयर बनाने वाली कंपनियां भी 2075/2100 रुपए प्रति कुंतल पहुंच में माल खरीद रही है। उत्पादक मंडियों में इसके भाव 1675/1700 रुपए बिकने के बाद 1775/1800 रुपए प्रति कुंतल बोलने लगे हैं। गौरतलब है कि देश में सबसे अधिक जौ की बिजाई राजस्थान के जयपुर हनुमानगढ़ श्रीगंगानगर लाइन में होती है। गत वर्ष इसमें किसानों को सीजन में अच्छे भाव नहीं मिलने से उनका मनोबल टूट गया था, जिसके चलते बिजाई कम होने से राजस्थान में जौ का उत्पादन 10 लाख मेट्रिक टन के करीब गत वर्ष हुआ था, वह इस बार 8 लाख मीट्रिक टन रह जाने का अनुमान आ रहा है। यूपी में भी जौ का उत्पादन गत वर्ष के 7 मीट्रिक टन के मुकाबले 5 लाख मैट्रिक टन रह गया है।

इसी तरह अन्य राज्यों में भी उत्पादन कम बता रहे हैं। अतः कुल उत्पादन अनुमान 19 लाख मीट्रिक टन के करीब रह जाने का लगाया जा रहा है, जबकि गत वर्ष या उत्पादन 25.50 लाख मीट्रिक टन के करीब हुआ था। सबसे बड़ी बात यह है कि जौ की खपत दिन प्रति दिन पौष्टिक आहार वाली कंपनियों में हो रहा है, लेकिन किसानों का रूझान इसकी बिजाई की बजाय गेहूं सहित सब्जियों को पैदा करने बना हुआ है।

जौ का भाव और बाजार (barley rates today)

गत वर्ष किसानों की फसल आने पर जयपुर लाइन में नीचे में 1750/1800 रुपए प्रति क्विंटल के बीच नमी के हिसाब से बिका गया था, इस समय नया जौ एमपी एवं राजस्थान की मंडियों में आ रहा है, उसके भाव 1850/1900 रुपए प्रति क्विंटल इस समय चल रहे हैं। उत्पादन में कमी को देखते हुए एमपी राजस्थान की मंडियों में जौ 1800/1850 रुपए से नीचे जाना मुश्किल लग रहा है।

अभी पिछले चार-पांच दिनों से मध्य प्रदेश की मंडियों में जौ की आपूर्ति कम होने से मजबूत बोलने लगे हैं तथा वहां पहले से ही उत्पादन में कमी रही है। इधर जयपुर लाइन में भी गत वर्ष की समान अवधि की तुलना में 31-32 प्रतिशत जौ की आवक कम हो रही है, इन सारी परिस्थितियों को देखते हुए जौ के व्यापार में आगे चलकर 300 रुपए का लाभ मिल सकता है।