गेहूं का भंडारण करे इस तरीके से नहीं होगी 4 साल तक ख़राब

गेहूं का भंडारण के तरीके देशभर में गेहूं, सरसों, चना, अलसी और अन्य रबी फसलों की कटाई लगभग समाप्त हो चुकी है। फसल काटने के बाद किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या उसके भंडारण की होती है। कई बार किसानों को भंडारण की सही जानकारी नहीं होती, जिसके कारण अनाज में नमी, दीमक, घुन और चूहे लग जाते हैं और अनाज बर्बाद हो जाता है। ऐसे में यदि कोई किसान अपनी फसल को भंडारित करने के लिए उचित गेहूं भंडारण विधियों का उपयोग करता है, तो वह अपनी फसल को बिकने तक सुरक्षित रख सकता है। अनाज को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए निम्नलिखित तरीके अपनाए जा सकते हैं। जो इस प्रकार है:-

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अनाज के लिए भण्डारण गृह तैयार करें

गेहूं भंडारण के तरीके केंद्रीय एकीकृत कीट प्रबंधन केंद्र के कृषि विशेषज्ञों का कहना है, ”भंडारण की सही जानकारी न होने के कारण 10 से 15 प्रतिशत अनाज नमी, दीमक, घुन और बैक्टीरिया से नष्ट हो जाता है। सबसे पहले अनाज रखने के गोदाम को साफ कर लेना चाहिए और उसमें लगे दीमक और पुराने अवशेष आदि को बाहर निकाल देना चाहिए और जलाकर नष्ट कर देना चाहिए। अगर दीवारों, फर्श और जमीन में दरारें हैं तो उन्हें सीमेंट या ईंटों से बंद कर दें और टूटी दीवारों की मरम्मत भी करा लें।’

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वह आगे बताते हैं, “अनाज को अच्छी तरह साफ करके धूप में सुखाना चाहिए, ताकि अनाज में 10 प्रतिशत से ज्यादा नमी न रहे। अनाजों में नमी की अधिकता के कारण फफूंद एवं कीड़ों का आक्रमण अधिक होता है। गेहूं भंडारण की विधियां: अनाज सूखने के बाद दांतों से तोड़ने पर यदि कट-कट की आवाज आती है तो समझ लें कि अनाज भंडारण के लिए पर्याप्त सूख चुका है।

गेहूं का भंडारण के लिए ऐसे चुनें गोदाम

गेहूं भंडारण के तरीके जब भंडारण की बात आती है तो सबसे पहले विचार करने वाली बात यह है कि आप इसे कहां भंडारण कर रहे हैं। इस पर डॉ. राजीव आगे बताते हैं, “भंडारण के लिए ऐसे गोदाम का चयन करना चाहिए जहां नमी न हो और अनाज को चूहों से बचाया जा सके।

भण्डारगृह अच्छी तरह हवादार होना चाहिए और यदि आवश्यक हो तो उसे सील भी किया जा सकता है।” “सबसे पहले, स्थायी भंडारण घरों और धातु शेडों को साफ किया जाना चाहिए और उन्हें कीट मुक्त बनाने के लिए दीवारों और फर्श पर 1:100 पानी में मैलाथियान 50 प्रतिशत का घोल तीन परतों की दर से लगाया जाना चाहिए। प्रति सौ वर्ग मीटर. का छिड़काव करना चाहिए।

उन्होंने आगे कहा, “बोरियों को उबलते पानी में डाल दीजिए. बोरियों में अनाज भरने से पहले इन बोरियों को 20-25 मिनट तक उबलते पानी में डाल देना चाहिए. इसके बाद इन्हें धूप में अच्छी तरह सुखा लेना चाहिए. गेहूं भण्डारण की विधि या बोरियों को छिड़काव हेतु बनाये गये 50 प्रतिशत मैलाथियान के घोल में डुबोकर फिर निकालकर सुखा लेना चाहिए।

अच्छी तरह सूखने के बाद ही इसमें अनाज भरना चाहिए। भंडारगृह में अनाज से भरी बोरियां रखने के लिए फर्श से बीस से पच्चीस सेमी की ऊंचाई पर बांस या लकड़ी के तख्ते का एक चबूतरा तैयार करना चाहिए, जो दीवार से कम से कम 75 सेमी की दूरी पर हो. . बोरियों के छल्लों के बीच 75 सेमी खाली जगह रखना भी लाभदायक होता है। बादल छाए रहने, बरसात होने या वातावरण में अधिक नमी होने पर गेहूं भंडारण के तरीकों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। भंडारण के लिए पछुआ हवा उपयुक्त मानी जाती है।

इन बातों का भी रखें ध्यान :  गेहूं का भंडारण

गेहूं भंडारण के तरीके सूखे या तरल कीटनाशकों का प्रयोग सीधे खुले अनाज पर नहीं करना चाहिए। चूहा शक्की स्वभाव का होता है; इसलिए ज़हरीले चारे, चूहेदानी और छर्रों का प्रयोग बारी-बारी से करना चाहिए। अनाज में दवा डालने के बाद हाथों को साबुन से अच्छी तरह धो लें।

भण्डार से पुराना अनाज एवं भूसा आदि निकालकर एक माह पहले ही साफ कर लें, चूहों द्वारा किये गये छेद एवं अन्य क्षति की मरम्मत करें, नीम से उपचारित करें तथा भण्डार को ठीक से बंद कर दें। इससे छुपे हुए कीट नष्ट हो जायेंगे.

अनाज का भंडारण करते समय हवा की दिशा का ध्यान रखें। यदि पुरवा हवा चल रही हो तो अनाज का भंडारण न करें। गेहूं भंडारण की विधि में नीम की पत्तियों का प्रयोग करते समय नीम की पत्तियां सूखी होनी चाहिए। इसके लिए नीम की पत्तियों को भंडारण से पहले 15 दिन तक किसी छायादार जगह पर कागज पर रखकर सुखा लें।