Property Dispute : पिता की प्रॉपर्टी पर बेटे ने बनाया घर, जानिए किसका मिलेगा मालिकाना हक

Farming Expert, New Delhi : जमीन और संपत्ति से जुड़े विवाद बड़े ही पेचीदे होते हैं। जरा सी गलती होने पर विवाद बढ़ सकता है और संपत्ति मालिकाना हक को लेकर फंसी रह सकती है।

ऐसा ही एक प्रोजेक्ट होता है कि जमीन पिता के नाम पर होती है और बेटे या बेटी उस पर अपना मकान बनवाते हैं। ऐसे हालात में अगर कोई विवाद हो जाए तो मकान मालिकाना हक को लेकर किसका दावा मजबूत होगा।

मसलन, पिता की जमीन पर अगर बेटे ने मकान बनवा लिया तो विवाद की स्थिति में उस पर मालिकाना हक किसका होगा। वैसे तो पिता और बेटे के बीच में इस तरह की विवाद की स्थिति कम ही होती है,

लेकिन ऐसा हो जाए तो संपत्ति उसी की होगी जिसने मकान बनाया या फिर उसकी जमीन पर। इसका जवाब है हम निजीकरण एक खंड से ही मूल तत्व हैं।

किसका होगा मालिकाना हक

संपत्ति मामलों के किसी भी विशेषज्ञ प्रदीप मिश्रा का कहना है कि प्रॉपर्टी लॉ के तहत अगर जमीन का नाम है तो इस पर दूसरा प्रोजेक्ट भी नहीं बनाया जा सकता है।

इसका मतलब यह है कि जिस जमीन पर उसका हक है यानी जिस जमीन पर उसका नाम है, उसका ही मालिकाना हक है।

इसका मतलब यह हुआ कि जमीन अगर पिता के नाम पर है तो उस पर मकान मालिकाना हक है, फिर भी वह संपत्ति पिता के ही मालिकाना हक में रहेगी।

तो बेटे के हाथ में आ गई राहत

वकील का कहना है, अगर मकान मालिक के पास पैसे वाले बेटे हैं तो वह संपत्ति पर दावा कर सकते हैं। पिता के जीवित रहते उस मकान पर कोई और दावा नहीं किया जा सकता।

नीचे, जमीन की राजसी मूर्ति पिता के नाम पर है तो उस पर मकान बनाना भी कानूनी तौर पर पिता का ही होगा। बस उस मकान को बनाने में पैसा खर्च होता है तो उसे ले जाया जा सकता है। उसने भी पिता की इच्छा पर प्रतिबंध लगा दिया कि वह वापस आये या नहीं।

विवाद से बचने का आसान तरीका

ऐसे में किसी भी तरह के विवाद से बचने के लिए जरूरी है कि पिता और बेटे के बीच एक कॉन्ट्रैक्ट लिया जाए। जमीन जिसका नाम है और जिस पर मकान बना हुआ है

अगर दोनों एक साथ रहेंगे तो बाद में कोई विवाद नहीं होगा। असल में, अनुबंध के तहत बेटे को इस का हक मिल सकता है कि उसने जमीन पर कोई मकान नहीं बनाया है। हालाँकि, इससे मालिकाना हक उसे नहीं मिलेगा।