गेंहू के रेट में तेजी की धारणा | इन कारणों से आ सकता है गेंहू भाव में उफान

गेंहू के रेट में तेजी -मध्य प्रदेश यूपी बिहार में मौसम गरम होने से गेहूं की कटाई तेजी से हो रही है। उत्तर भारत में भी धीरे-धीरे मौसम गर्म होने लगा है, जिससे गेहूं की आवक आने वाले समय बढ़ जाएगी, लेकिन फिलहाल माल की कमी से बाजार घटने के बाद आज मजबूत बोलने लगे तथा दिल्ली में गेहूं इस बार 2400 रुपए से नीचे मुश्किल लग रहा है।

देश में इस बार गेहूं की बिजाई 324 लाख हेक्टेयर भूमि में हुई है, जबकि गत वर्ष इसकी बिजाई 307 लाख में हेक्टेयर में हुई थी। उत्पादक क्षेत्रों में मौसम अनुकूल होने से गेहूं की क्वालिटी एवं क्वांटिटी दोनों ही बहुत बढ़िया आई है, जिससे सकल उत्पादन 1120.7 लाख मीट्रिक टन होने का सरकारी अनुमान आने लगा है, जबकि गत वर्ष का उत्पादन 1070 लाख मीट्रिक टन के करीब हुआ था। इसे देखते हुए गेहूं की उपलब्धि भविष्य में भरपूर रहने वाली है। गौरतलब है कि गेहूं ऊपर में इस बार 2900 रुपए प्रति क्विंटल दिसंबर से पहले बिकने के बाद सरकार की बिक्री नीति से पिछले 4 महीने से 2750 को पार नहीं कर पाया है।

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गेंहू की दैनिक आवक और सरकारी खरीद लक्ष्य

नया गेहूं पिछले एक महीने से मध्य प्रदेश राजस्थान से आ रहा है, इसके आने से गेहूं के भाव यहां लुढ़कर 2400/2425 रुपए प्रति क्विंटल के निचले स्तर पर आ गया था, लेकिन आज मध्य प्रदेश के मुलताई, लिंगा, सिवनी छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, जबलपुर लाइन में सरकारी व गैर सरकारी खरीद होने से मध्य प्रदेश की समस्त मंडियों में गेहूं 25/30 रुपए बढ़कर 2380/2400 रुपए प्रति कुंतल हो गए हैं।

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पिछले दिनों की बरसात के बाद अब गेहूं की आपूर्ति बढ़ने लगी है, जिसके चलते जो आवक यहां ढाई-तीन हजार बोरी हो गई थी, आज 4500-5000 बोरी दैनिक लॉरेंस रोड पर हो गई। इन सबके बावजूद भी भारतीय खाद्य निगम के अलावा अन्य राज्य सरकारों की एजेंसियों द्वारा एमपी राजस्थान में तथा गत वर्ष सरकार द्वारा 262 लाख मीट्रिक टन के करीब खरीद की गई थी, जो इस बार 332 लाख मीट्रिक टन खरीदने का लक्ष्य है, जिसे पूरा करने की कोशिश जारी है।

प्राइवेट सेकटर के खरीद से बाजार तेजी पकड सकता है | गेंहू के रेट में तेजी की धारणा

इधर प्राइवेट सेक्टर के कारोबारी पर भी खरीद करने लगे हैं, लेकिन सरकार द्वारा अल्टीमेटम दे दिया गया है कि साप्ताहिक पोर्टल पर गेहूं का स्टॉक दिखाना पड़ेगा। गेहूं का के भाव समर्थन मूल्य से 100/125 रुपए प्रति कुंतल उत्पादक मंडियों में ऊंचे चल रहे लगातार 2275 के प्रति कुंतल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की जा रही है, जिसे वहीं पर बाजार तेज हो गए हैं। हरियाणा पंजाब में अभी आपका दबाव कम है, बवाना नरेला राई कुंडली आदि रोलर फ्लोर मिलों में भी गेहूं की आवक नये एवं पुराने माल की उपलब्धि कम है, जिससे आज इसके भाव 20-25 रुपए सुधर कर 2440/2460 रुपए पर मजबूत रहा। इस बार केंद्रीय पूल से भी गेहूं का स्टॉक काफी निकल गया है

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हैं, जिससे सरकार को बोनस देकर ही खरीद करना पड़ेगा, तभी लक्ष्य तक गेहूं मिल सकेगा। इन परिस्थितियों में जो वर्तमान भाव में गेहूं के भाव चल रहे हैं, इसमें ज्यादा घटने की गुंजाइश नहीं है।