नोहर फीडर की रिलाइनिंग के लिए अब बनेगी डीपीआर शुरू की प्रक्रिया, 139.51 करोड़ की पीएफआर सबमिट

नोहर फीडर की रिलाइनिंग – हनुमानगढ़ लोकसभा चुनाव की आचार संहिता हटने के बाद नोहर फीडर की रिलाइनिंग के लिए डीपीआर बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जल संसाधन विभाग हरियाणा की ओर से डीपीआर तैयार की जा रही है। जल संसाधन उत्तर हनुमानगढ़ के मुख्य अभियंता ने हरियाणा के अधिकारियों से बात कर डीपीआर तैयार करने को लेकर फीडबैक लिया है। डीपीआर तैयार कर केंद्रीय जल आयोग को सौंपी जाएगी। इसके बाद रीलाइनिंग का रास्ता साफ हो जाएगा।

नोहर फीडर की रिलाइनिंग से नोहर तहसील क्षेत्र के किसानों को बड़ी राहत मिलेगी

जानकारी के अनुसार केंद्रीय जल आयोग ने फरवरी में राजस्थान व हरियाणा के अधिकारियों के साथ बैठक कर रीलाइनिंग के कार्य को अंतिम रूप दिया था। 139.51 करोड़ रुपए की पीएफआर (प्री-फिजिबिलिटी रिपोर्ट) तैयार कर सौंपी गई थी। इसके बाद लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से प्रक्रिया बीच में ही रोक दी गई थी। रीलाइनिंग के साथ ही नोहर फीडर की क्षमता 226 क्यूसेक से बढ़ाकर 332 क्यूसेक करने की योजना है। पानी की मात्रा 106 क्यूसेक बढ़ने से 50 हजार हेक्टेयर क्षेत्र के किसानों को फायदा होगा। नोहर फीडर हरियाणा से राजस्थान में प्रवेश करता है। रीलाइनिंग व रखरखाव का कार्य राजस्थान सरकार द्वारा किया जाता है।

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अंतरराज्यीय मामला होने के कारण इसमें समय भी अधिक लगा।

हरियाणा के अधिकारी राजस्थान की मांग पर सहमत नहीं हुए। केंद्रीय जल आयोग द्वारा दोनों राज्यों के जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के साथ कई बार बैठकें की गई। नोहर फीडर के किसानों के साथ रीलाइनिंग का मुद्दा भी प्रमुखता से उठाया गया। किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने तत्कालीन केंद्रीय जल शक्ति मंत्री से भी कई बार मुलाकात की। इसके बाद आखिरकार दोनों राज्य सहमत हो गए और पीएफआर बना। अब डीपीआर बनने के बाद काम शुरू होने की उम्मीद है। नोहर क्षेत्र की सिंचाई समस्या के समाधान के लिए केंद्रीय जल आयोग द्वारा पिछले एक साल में करीब आधा दर्जन बार बैठकें की गई। साथ ही 4 सदस्यीय तकनीकी समिति का गठन किया गया। समिति को 15 दिन में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए।

पानी में होगी बढ़ोतरी

तकनीकी समिति द्वारा क्षेत्र का दौरा करने के पश्चात नोहर सिंचाई परियोजना को निर्धारित हिस्से से कम पानी की उपलब्धता को देखते हुए राजस्थान द्वारा नोहर फीडर की क्षमता 226 क्यूसेक से बढ़ाकर 332 क्यूसेक करने तथा नोहर फीडर को नेहराणा हैड से सीपी-4 तक पुनः निर्मित करने की अनुशंसा की गई थी। इस संबंध में तत्कालीन केंद्रीय जल शक्ति मंत्री द्वारा 7 अगस्त 2023 को दोनों राज्यों के अधिकारियों के साथ बैठक की गई थी। राजस्थान को निर्धारित हिस्से के अनुसार पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए बरवाली डिस्ट्रीब्यूटर व फतेहाबाद ब्रांच का जीर्णोद्धार कार्य करवाने तथा नोहर फीडर की क्षमता 332 क्यूसेक करने के लिए हरियाणा व राजस्थान राज्य द्वारा सीडब्ल्यूसी को पीएफआर/डीपीआर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए थे। इसके पश्चात पीएफआर प्रस्तुत की गई थी।

नोहर फीडर मांग रही थी रिलाइंनिग

नोहर फीडर से करीब 50 हजार हेक्टेयर में सिंचाई होती है। नोहर फीडर की क्षमता 226 क्यूसेक है, लेकिन निर्धारित मात्रा में कभी पानी नहीं चला। फीडर को हरियाणा के सीपी-4 हैड से पानी मिलता है। लाइनिंग क्षतिग्रस्त होने से क्षमता के अनुसार पानी नहीं चल पाता। अतिरिक्त पानी मिलने पर या मानसून काल में अधिक पानी नहीं चलाया जा सकता। इससे नोहर फीडर से जुड़े हजारों किसानों को नुकसान हो रहा है। हरियाणा क्षेत्र में लाइनिंग क्षतिग्रस्त होने से नोहर फीडर बार-बार टूट रहा है। इससे किसानों को कई महीनों तक पानी नहीं मिल पाता।

संघर्षरत रहे किसान नोहर फीडर की रिलाइनिंग के लिए

फीडर की रीलाइनिंग को लेकर किसान वर्षों से आंदोलन भी कर रहे थे। दिसंबर 2022 में लगातार कई दिनों तक जिला मुख्यालय पर धरना देकर भूख हड़ताल की गई थी। आखिरकार आश्वासन पर किसान मान गए।

प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद किसान संगठन के प्रतिनिधि सक्रिय हुए और तत्कालीन केंद्रीय जल शक्ति मंत्री से कई बार वार्ता की। आखिरकार अब सफलता मिल गई है। रीलाइनिंग का कार्य होने पर बड़ा लाभ होगा। रीलाइनिंग होने से नहर में पूरा पानी मिलेगा और किसानों की आय भी बढ़ेगी। नोहर फीडर की रीलाइनिंग के लिए जल्द ही डीपीआर बनाई जाएगी। इसकी प्रक्रिया चल रही है। इस संबंध में हरियाणा के अधिकारियों से बातचीत हो चुकी है। डीपीआर केंद्रीय जल आयोग को सौंपी जाएगी। इसके बाद रीलाइनिंग का रास्ता साफ हो जाएगा। अमरजीत सिंह मेहरड़ा, मुख्य अभियंता जल संसाधन उत्तर, हनुमानगढ़