सरसों में तेजी मंदी -सरसों का उत्पादन पूर्वानुमान ऊंचा आने से दक्षिणी हरियाणा के व्यापारियों को चिंता नहीं -नई दिल्ली, मार्च हरियाणा के मानेसर में गत रविवार को हुए एक व्यापारिक सेमिनार में प्रमुख रबी तिलहन, सरसों, का संभावित उत्पादन अनुमान तुलनात्मक रूप से ऊंचा व्यक्त किया गया है।
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हालांकि इसकी वजह से दक्षिणी हरियाणा के व्यापारियों में कोई खास चिंता नहीं देखी गई। इस सेमिनार में प्रमुख उत्पादक राज्यों के व्यापारियों तथा विशेषज्ञों ने भाग लिया। विचार-विमर्श के बाद सेमिनार में चालू सीजन के दौरान देश में सरसों का 123 लाख टन उत्पादन होने का अनुमान व्यक्त किया गया है।
एक वर्ष पूर्व इसी सेमिनार में इसका 113 लाख टन उत्पादन होने की संभावना जताई गई थी। इस आधार पर देखें तो देश में इस बार इस प्रमुख रबी तिलहन के उत्पादन में 10 लाख टन या 8.84 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है।
त्पादन पूर्वानुमान ऊंचा आने से दक्षिणी हरियाणा के व्यापारियों में कोई खास चिंता नजर नहीं आई।
पिछले महीने सरकार ने वर्तमान सीजन के दौरान सरसों का 130 लाख टन उत्पादन होने की संभावना व्यक्त की थी।
इसका प्रमुख कारण मौसमी परिस्थितियां अनुकूल होना बताया गया था। इस दृष्टिों से देखें तो सरसों का व्यापारिक पूर्वानुमान सरकारी अनुमान की तुलना में 7 लाख टन या 5.38 प्रतिशत नीचा है। बहरहाल, सेमिनार में सरसों के संभावित उत्पादन का आंकड़ा अपेक्षाकृत रूप से ऊंचा आने के बाद भी दक्षिणी हरियाणा के व्यापारियों में कोई खास चिंता नजर नहीं आई।
यही वजह है कि क्षेत्र की मंड़ियों में सरसों और सरसों तेल एक्सपैलर में थोड़ी-बहुत कमी को छोड़कर कोई विशेष मंदी का माहौल भी नहीं दिखा।
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व्यापरियो से हुई बात चित नारनौल मंड़ी सरसों में तेजी मंदी
नारनौल मंड़ी स्थित व्यापारी ओमप्रकाश ने बताया कि व्यापारिक सेमिनार में बताए गए संभावित उत्पादन की तो वही जानें लेकिन हमारे क्षेत्र में इसे लेकर कोई चिंता नहीं है। यही वजह है कि यहां सरसों तेल एक्सपैलर 10,500/10,600 रुपए प्रति क्विंटल के पूर्वस्तर पर ही स्थिर बना रहा हालांकि सरसों 50-100 रुपए मंदी होकर 5100/5200 रुपए प्रति क्विंटल रह गई।
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इसी प्रकार, चरखी दादरी मंड़ी में भी मामूली नरमी देखी गई। यहां स्थित व्यापारी भारत भूषण गुप्ता ने बताया कि लिवाली सुस्त पड़ने से सरसों तेल एक्सपैलर मामूली 50 रुपए नरम होकर 10,300/10,400 रुपए प्रति क्विंटल के स्तर पर आ गया जबकि सरसों 5050/5150 रुपए प्रति क्विंटल पर इतनी ही बढ़ाकर बोली गई।
उन्होंने आगे बताया कि राज्य में अभी नई सरसों की आवक होली के बाद ही शुरू होने के आसार हैं। यही वजह है कि संभावित उत्पादन का आंकड़ा अपेक्षाकृत रूप से ऊंचा आने के बाद भी मंड़ियों में कोई घबराहट नहीं दिख रही है।
भिवाड़ी मंडी से हुई बातचीत सरसों में तेजी मंदी
भिवानी मंड़ी में इन दोनों उत्पादों में मंदी आई है। यहां स्थित व्यापारी बाबूलाल सिंघल ने बताया कि मिलों और स्टॉकिस्टों की लिवाली घटने से सरसों एक्सपैलर 200-300 रुपए मंदा होकर 10,350/10,450 रुपए प्रति क्विंटल रह गया। इसकी सहानुभूति में सरसों भी 5100/5200 रुपए प्रति क्विंटल पर 50-100 रुपए घट गई। व्यापारियों ने बताया कि आने वाले समय में सरसों की मंदी-तेजी सरकार की नीतियों पर निर्भर रहेगी। यदि सरकार न्यूनतम समर्थन कीमत (एमएसपी) पर इस प्रमुख तिलहन की खरीद के लिए आगे आती है तो इसकी
नवीनतम कीमत ही इसका निचला स्तर भी साबित हो सकती है और यदि ऐसा नहीं होता है तो नई फसल शुरू होने और आवक का दबाव बनने पर इसमें 200-300 रुपए से अधिक
की मंदी आने की आशंका भी नजर नहीं आ रही है। इसलिए फिलहाल चिंता की कोई जरूरत नहीं दिख रही है।
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