सब्सिडी पाने के लिए इस जिले से निकले 1000 से ज्यादा फर्जी आवेदन, सख्त कार्यवाही का आदेश हुआ जारी

हरियाणा राज्य सरकार ने राज्य में धान की सीधी बुआई करने वाले किसानों को प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की थी। ताकि राज्य में भूजल स्तर को घटने से रोका जा सके. इसके लिए हरियाणा राज्य सरकार ने डीएसआर तकनीक से धान की बुआई करने वाले किसानों को प्रति एकड़ 4 हजार रुपये देने की घोषणा की थी. लेकिन इसमें भी लोगों ने फर्जी तरीके से फायदा उठाने की कोशिश की है.

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हिसार जिले में किसानों ने 29 हजार एकड़ जमीन पर डीएसआर तकनीक से धान की बुआई करने का दावा किया है, जिसके फर्जी दावे करने वाले 1 हजार से ज्यादा किसान हैं. कृषि विभाग ने इन सभी फर्जी दावों को खारिज कर दिया है. इन फर्जी दावों पर करीब 4.60 करोड़ रुपये की रकम वसूली जा रही थी.

क्या है डीएसआर तकनीक और कितनी है सब्सिडी?

जिस राज्य में धान की बुआई की जाती है वहां के किसानों को डीएसआर तकनीक यानी धान की सीधी बुआई करने पर सरकार प्रति एकड़ 4000 रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान करती है। वहीं, हिसार जिले में धान का कुल रकबा 1.90 लाख एकड़ है और सरकार ने डीएसआर विधि से धान की बुआई के लिए न्यूनतम 8000 एकड़ का लक्ष्य रखा है. डीएसआर तकनीक में धान की बुआई के लिए खेतों में बहुत कम पानी की जरूरत होती है. इसमें पौधे तैयार नहीं किये जाते और सीधे धान की बुआई कर दी जाती है. जिससे पानी की खपत कम हो जाती है. हिसार जिले में डीएसआर तकनीक से धान की बुआई के लिए आए आवेदनों की कृषि अधिकारियों एवं पटवारियों द्वारा भौतिक स्तर पर जांच एवं सत्यापन किया गया।

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सत्यापन में सख्ती होगी

फर्जी दावों के सामने आने के बाद कृषि विभाग अब हरियाणा अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र के डेटा की मदद से शेष 17,500 एकड़ के लिए आवेदनों का फिर से सत्यापन कर रहा है। इससे पता चल सकेगा कि डीएसआर तकनीक से धान की बुआई हुई है या नहीं. हरियाणा के फतेहाबाद,रोहतक,हिसार,सिरसा,यमुनानगर,पानीपत,सोनीपत,जींद,कैथल,करनाल,कुरुक्षेत्र,अंबाला,यमुनानगर में दो लाख एकड़ भूमि को डीएसआर तकनीक से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। वहीं डीएसआर तकनीक से धान की बुआई करने वाले किसानों को प्रोत्साहन राशि जारी की जा रही है.

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