खेती की जमीन पर मकान बनाने से पहले जान लें ये जरुरी नियम, वरना तो तोड़ने की आ सकती है नौबत

Farming Expert, New Delhi : ऐसा ही एक प्रोजेक्टर होता है कि मकान बनाने के लिए जमीन नहीं होने पर लोग खेत में मकान बना लेते हैं। अगर आपकी भी ऐसी कोई योजना है तो जरा रुककर इस खबर को पढ़ें।

ऐसा न हो कि मकान बनाने के बाद उसे तोड़ने की नौबत आ जाए। असल में, खेतिहर जमीन से जमीन तक एक नियम है जो आपको बिना जरूरी कृषि भूमि पर मकान बनाने की छूट नहीं देता है।

इसके अलावा कुछ लोग खेतीहर जमीन पर प्लायोट बेच देते हैं। ऐसी संपत्तियों पर भी आपका पैसा डूब सकता है। दोनों ही प्रमाणपत्रों में पैसे गंवाने से पहले संबंधित नियमों को समझना ही बेहतर होगा।

दरअसल, खेती की जमीन पर उसका मालिक भी बिना मिशन के घर नहीं बना सकता। ऐसे में कहीं भी घर पर पहचान के बाद आपको उसे गिराना नहीं पड़ा, इसलिए आपको इससे जुड़ी जानकारियों के बारे में पता लगाना चाहिए।

कौन सी है कृषि योग्य भूमि?

ऐसी भूमि जिस पर किसी भी प्रकार का बीजारोपण किया जाता है, वह खेती योग्य भूमि में पाई जाती है। आम तौर पर कृषि भूमि क्षेत्र के हिस्सों के रूप में चिह्नित भूमि प्रतिष्ठित चारागाहों, उद्यमों और कृषि आदि के लिए उपयोग में ली जाती है। इनका उत्पादन हर साल किसानों द्वारा किया जाता है।

इस जमीन पर आपका मालिकाना हक होने के बावजूद आप इसमें घर नहीं बना सकते हैं। इसके लिए आपको सरकार की ओर से मिशन लेना जरूरी है।

खेती की जमीन पर घर के लिए क्या करें?

अगर आप खेती की जमीन पर घर बनाना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको उसका कंवर्जन लेना होगा। उसके बाद आप खेती की जमीन पर घर बना सकते हैं। हालाँकि, कन्वर्जन के नियम देश के कुछ ही राज्यों में हैं।

बता दें कि जब खेती की जमीन को आवास में बदला जाता है तो आपको कुछ शुल्क का भुगतान भी करना पड़ता है। इसके अलावा आपको म्यूनिसिपल काउंसिल या ग्राम पंचायत से एनओसी लेना भी जरूरी है।

जमीन का रूपांतरण कैसे होता है?

कृषि योग्य भूमि को आवास योग्य भूमि में बदलने के लिए आपको कृषि योग्य भूमि का अधिग्रहण करना होता है, जिसके लिए कुछ आवश्यक बातें आवश्यक हैं। इसमें जमीन के मालिक का पहचान पत्र होना जरूरी है. इसके साथ ही डिजिटल का रिकार्ड, किरायदारी,

मालिकाना हक भी जरूरी है। वहीं आपके पास लैंड यूटिलिटी प्लान, सर्वे कॉमर्स, लैंड रेवेन्यू की रजिस्ट्री भी उपलब्ध है। इसके अलावा उस जमीन पर कोई भी दस्तावेज या फिर कोई मुकदमा नहीं होना चाहिए।