गेंहू में पिला रतुआ रोग से नुकसान की आशंका करवाए फसल बिमा आज अंतिम तारीख

हनुमानगढ़ : गेंहू में पिला रतुआ रोग – कृषि विभाग के अनुसार इस बार हनुमानगढ़ जिले में 2 लाख हेक्टैयर से ज्यादा क्षेत्र में गेहूं की बिजाई हुई है। गेहूं की अच्छी पैदावार हो, इसके लिए विभागीय अधिकारियों को तकनीकी जानकारी देने में जुटे हुए हैं।

गेहूं की फसल में पीला रतुआ रोग

गेहूं की फसल में पीला रतुआ रोग लगने से 70 प्रतिशत तक नुकसान होने की संभावना है।

कारण: रात्रि का तापमान 7°C से 13°C के बीच तथा दिन का तापमान 15°C से 24°C के बीच तथा आर्द्रता 85-100% के बीच रहने के कारण इस रोग के फैलने की संभावना रहती है।

लक्षण: प्रारंभिक अवस्था में गेहूं के पौधे की पत्तियों पर दोनों तरफ धारियों में पिन की नोक जैसे छोटे चमकीले पीले उभरे हुए धब्बे दिखाई देते हैं। जो बाद में पिसी हुई हल्दी की तरह पाउडर में बदल जाता है। पत्तियों को उंगली से छूने पर पीला पाउडर दिखाई देता है। खेतों में चलते समय कपड़ों पर पाउडर चिपक जाता है।

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गेहूं का पीला रतुआ

जब यह रोग गंभीर हो जाता है तो तने, बालियों और दानों को नुकसान पहुंचाता है। बाद में कई धब्बे आपस में मिल जाते हैं। पत्तियों की बाहरी परत फट जाती है। नीचे जमीन पर पीला पाउडर दिखने लगता है. गेहूं में पोषक तत्वों की कमी से पत्तियां पीली हो सकती हैं। लेकिन पत्तियों पर उभरे हुए धब्बे पीले रतुआ का संकेत हैं।

क्षेत्र का निरीक्षण एवं उपचार

इस मौसम में किसानों को अपने खेतों का नियमित निरीक्षण करना चाहिए। इस रोग के प्रथम लक्षण खेत में दिखाई देने पर खेत में प्रोपिकोनाज़ोल या टेबुकोनाज़ोल रसायन का छिड़काव करना चाहिए। किसान इस बात का ध्यान रखें कि छिड़काव विभागीय सलाह के अनुसार ही करें।

फसल बीमा अवश्य करायें

कृषि विभाग के अधिकारियों के मुताबिक आज के समय की बात करें तो खेती का काम बेहद जोखिम भरा हो गया है. ऐसे में किसानों के लिए फसल बीमा जरूरी है. किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अपनी फसलों का बीमा अवश्य कराना चाहिए। प्रतिकूल मौसम के कारण फसल खराब होने की स्थिति में किसानों को फसल बीमा कराने से काफी हद तक नुकसान से राहत मिलती है। पिछले वर्षों में किसानों को फसल नुकसान के रूप में करोड़ों रुपये का क्लेम मिला है।

हनुमानगढ़ जिले में पीएम फसल बीमा की प्रीमियम राशि

हनुमानगढ़ जिले में चालू रबी सीजन की फसलों के लिए पीएम फसल बीमा की प्रीमियम राशि इस प्रकार है…

  • गेहूं फसल बीमा प्रीमियम 1388.63 रुपये प्रति हेक्टेयर
  • सरसों फसल बीमा प्रीमियम 1373.79 रुपये प्रति हेक्टेयर
  • जौ फसल बीमा प्रीमियम 935.61 रुपये प्रति हेक्टेयर
  • चना फसल बीमा प्रीमियम 609.63 रूपये प्रति हेक्टेयर
  • तारामीरा फसल के लिए बीमा प्रीमियम 375.42 रुपये प्रति हेक्टेयर तय किया गया है.
  • पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा के तहत आलू के लिए 7260 रुपये, मटर के लिए 4275 रुपये और फूलगोभी के लिए 4275 रुपये प्रति हेक्टेयर प्रीमियम तय किया गया है.

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हनुमानगढ़ जिले में फसल बीमा की अंतिम तिथि
चालू रबी सीजन की फसलों के लिए किसान बीमा की तिथि 31 दिसंबर 2023 निर्धारित की गई है।