बेमौसम बारिश और तेज हवाओं के कारण तिलहन और दलहन फसलों के अलावा आम के बौर को भी काफी नुकसान हुआ है. हवा से गेहूं और गन्ने की फसल खेतों में गिरने से किसानों की चिंता बढ़ गई है। गेहूं की फसल लगभग तैयार हो चुकी है। किसान होली के बाद थ्रेसिंग की तैयारी कर रहे थे। सरकार की ओर से गेहूं खरीद के लिए क्रय केंद्र भी खोले गए हैं। लेकिन ऐन वक्त पर मौसम में बदलाव के कारण किसानों की गाढ़ी कमाई पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं.
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जिले में 1.20 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुआई हुई है। इसके अलावा मटर, सरसों, मसूर और गन्ने की खेती की गयी है. गन्ने की कटाई के साथ-साथ बसंतकालीन बुआई भी चल रही है। बारिश से गन्ने की हालिया बुआई भी प्रभावित होगी। वहीं, गेहूं की फसल लगभग तैयार हो चुकी थी. गेहूँ की बालियों में दाने निकल आये हैं। किसान होली के बाद गेहूं की मड़ाई करने की तैयारी कर रहे थे। गेहूं खरीद के लिए क्रय केंद्र भी खुल गए हैं। तेज हवा के कारण गेहूं और गन्ने की फसलें खेतों में गिर गईं। इससे किसानों को भारी नुकसान होने की आशंका है.
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सुबह 8 बजे अचानक मौसम में बदलाव हुआ और दिन भर तेज हवा के साथ गरज-चमक के साथ झमाझम बारिश हुई। नौरंगिया क्षेत्र के खिरकिया, जंगल बेलवा, जंगल अमवा, सुखपुरा नेबुआ, सौरहा खुर्द, कोटवा, मदार बिंदवलिया, रामपुर बांगर, चितावन चक में एक हजार एकड़ से अधिक गन्ना व गेहूं की फसल बर्बाद हो गयी है. किसान केदार यादव, मंजूर अंसारी, कलाम अंसारी, कन्हैया यादव, पूर्णमासी यादव, मुरारी शर्मा कहते हैं कि इस वर्ष मौसम ने साथ दिया और गेहूं की फसल भी अच्छी हुई. लेकिन, बेमौसम बारिश ने सब बर्बाद कर दिया. खेतों में तैयार मसूर और सरसों की फसल को व्यापक नुकसान हुआ है.
मौसम में बढ़ी ठंड, बाजार में पसरा सन्नाटा
मार्च माह में अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से अधिक रहता है। मंगलवार को अधिकतम तापमान 35 और न्यूनतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया. लेकिन, बुधवार की सुबह 19 किलोमीटर की रफ्तार से चली पुरवा हवा और बूंदाबांदी के कारण अधिकतम तापमान 24 डिग्री और न्यूनतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. शाम तक बूंदाबांदी होने से शहर की सड़कों पर कीचड़ फैल गया। शहर के रामकोला रोड, कोतवाली रोड, तिलक चौक, दरबार रोड, जटहां रोड, बेलवा चुंगी, अंबे चौक, बावली चौक व कसया रोड पर फैले कीचड़ से बचने के लिए लोग सावधानी बरतते हुए चल रहे थे। दोपहर दो बजे के बाद बारिश तो रुक गई, लेकिन धूप न निकलने से मौसम में नमी बनी रही, जिससे लोगों को जनवरी जैसी ठंड का अहसास हुआ।
तिलहन और दलहनी फसलों को नुकसान हो सकता है
कृषि विभाग के मुताबिक बुधवार को हुई बारिश से तिलहन और दलहन फसलों को नुकसान हो सकता है. बारिश से नहीं बल्कि गेहूं की फसल गिरने से काफी नुकसान होगा। हवा के कारण फसल जमीन पर गिर सकती है। किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. अभी तक खेतों में फसल खराब होने की कोई सूचना नहीं है. बेमौसम बारिश और तेज हवा से फसल क्षति का सर्वे कराया जाएगा। नुकसान का आकलन कर किसानों को मुआवजा दिया जाएगा। -डॉ। मेनका सिंह, जिला कृषि अधिकारी