गेंहू पर स्टोक लिमिट wheat breaking news -हालांकि गेहूं की सरकारी खरीद पहले ही बंद हो चुकी है जबकि 30 जून को खरीद का सीजन भी औपचारिक तौर पर बंद हो जाएगा। बड़े-बड़े दावे एवं विशाल लक्ष्य के बावजूद गेहूं की सरकारी खरीद में पिछले साल के मुकाबले केवल 3-4 लाख टन का इजाफा हो सका। घरेलू मंडियों में एवं सरकारी क्रय केन्द्रों पर गेहूं की जोरदार आपूर्ति नहीं हो सकी। इससे कीमतों में नरमी की संभावना भी क्षीण पड़ गई। सरकार ने 2275 रुपए प्रति क्विंटल की दर से 262 लाख टन से कुछ अधिक गेहूं खरीदा। खाद्य मंत्रालय का कहना है कि उसके पास गेहूं का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है। लेकिन इसके बावजूद उसने गेहूं पर भंडारण सीमा लागू कर दिया।
wheat breaking news – क्या गेंहू को खुले बाजार में उतारेगी सरकार
मंत्रालय के पास यदि पर्याप्त भंडार है तो उसे खुले बाजार बिक्री योजना के तहत गेहूं की नीलामी बिक्री शुरू करनी चाहिए जिससे मिलर्स-प्रोसेसर्स को अपनी गतिविधियां जारी रखने के लिए कच्छ माल का अभाव महसूस न हो। सभी प्रमुख उत्पादक राज्यों की महत्वपूर्ण थोक मंडियों में गेहूं का भाव सरकारी समर्थन मूल्य से ऊंचा चल रहा है।
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सरकार को लगता है कि इस बार व्यापारियों-स्टॉकिस्टों तथा फ्लोर मिलर्स / प्रोसेसर्स ने किसानों से भारी मात्रा में गेहूं खरीदा है और उसके पास इसका अच्छा खासा स्टॉक मौजूद है। लेकिन यह पूरी तरह सच प्रतीत नहीं हो रहा है क्योंकि फ्लोर मिलर्स सरकारी गेहूं की मांग कर रहे हैं अथवा विदेशों से इसके शुल्क मुक्त आयात की अनुमति देने का आग्रह कर रहे है। मई- जून में गेहूं का भाव इतना ऊंचा है तो ऑफ सीजन में कितना ऊंचा होगा।