मूंगफली की खेती कैसे करे ;मूंगफली की उन्नत खेती से कमाए अच्छा मुनाफा

मूंगफली की खेती – दोस्तों इस पोस्ट के माध्यम से मूंगफली की खेती के बारे में जानेंगे। भारत में काजू के नाम से मशहूर यह फसल कब उगाई जाती है, कैसे उगाई जाती है और इसका उत्पादन कितना होता है, सारी जानकारी आप इस लेख में पढ़ सकते हैं।

भारत में 51% भूमि पर खेती की जाती है। देश में लगभग सभी प्रकार की फसलों की खेती की जाती है। हर राज्य की जलवायु, मिट्टी और पानी अलग-अलग है। मुख्यतः दो ऋतुएँ होती हैं रबी और ख़रीफ़। मूंगफली की खेती खरीफ मौसम में की जाती है। मूंगफली तिलहनी फसल की श्रेणी में आती है. राजस्थान का एक बड़ा क्षेत्र और उसमें भी बीकानेर जिले का एक बड़ा क्षेत्र मूंगफली के लिए प्रसिद्ध है।

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इसमें प्रोटीन और फाइबर भरपूर होती है। मूंगफली में 40 से 55% प्रोटीन और 25 से 30% कार्बोहाइड्रेट होता है। इसमें विटामिन सी, विटामिन बी, कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक, फास्फोरस, पोटाश आदि प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। मूंगफली के तेल का उपयोग भोजन में किया जाता है।

मूंगफली की उन्नत टॉप किस्मे निम्न है

स्वराजस्वराज राजस्थान का जाना माना ब्रांड है. इसकी कई वैरायटी बाजार में उपलब्ध है. स्वराज शिखर, स्वराज TG 37, स्वराज G10, G-20. TG-37 वैरायटी शंकर श्रेणी होती है और ये 90 दिन में तैयार हो जाती है. G-10 देशी वैरायटी होती है जो 120 दिन में तैयार होती है. G-20 अर्ध शंकर किस्म होती है जो 120 दिन में तैयार होती है.
बोम्बेसुपरबोम्बेसुपर राजस्थान का जाना माना ब्रांड है. इसकी कई वैरायटी बाजार में उपलब्ध है. बोम्बेसुपर TG 37, बोम्बेसुपर G10, G-20. TG-37 वैरायटी शंकर श्रेणी होती है और ये 90 दिन में तैयार हो जाती है. G-10 देशी वैरायटी होती है जो 120 दिन में तैयार होती है. G-20 अर्ध शंकर किस्म होती है जो 120 दिन में तैयार होती है.
यूएसयूएस राजस्थान का जाना माना ब्रांड है. इसकी कई वैरायटी बाजार में उपलब्ध है. यूएस TG 37, यूएस G10, G-20. TG-37 वैरायटी शंकर श्रेणी होती है और ये 90 दिन में तैयार हो जाती है. G-10 देशी वैरायटी होती है जो 120 दिन में तैयार होती है. G-20 अर्ध शंकर किस्म होती है जो 120 दिन में तैयार होती है.
आरजी 425एस किस्म को राज दुर्गा के नाम से भी जाना जाता है. यह सूखे के प्रति सहनशील होती है. यह किस्म 120 दिन के लगभग तैयार हो जाती है.
मूंगफली की उन्नत खेती

मूंगफली के लिए खेत की तैयारी करे ऐसे

अच्छी फसल पाने के लिए खेत को ठीक से तैयार करना चाहिए. सबसे पहले मिट्टी पलटने वाले हल से गहरी जुताई करें, फिर हैरो या कल्टी से 2 से 3 बार जुताई करें. मूंगफली की खेती के लिए प्रति हेक्टेयर 5 से 10 क्विंटल गोबर की खाद डालकर रोटोवेटर से अच्छी तरह मिला लें. मूंगफली का सबसे महत्वपूर्ण कीट सफेद घुन (गोजो वेविल) है। इसकी रोकथाम के लिए कार्बोफ्यूरान 3जी या इमिडाक्लोरोपिड 40% + फिफ्रोलिन 40% 40 ग्राम प्रति बीघे की दर से जुताई के समय डालें. अच्छे उत्पादन के लिए ट्राइकोड्रामा का प्रयोग अवश्य करें।

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बीज की मात्रा: 60 से 80 किलोग्राम गुच्छेदार किस्म का बीज और 50 से 60 किलोग्राम फैलने वाली किस्म का बीज प्रति हेक्टेयर। बुआई से पहले बीज का उपचार अवश्य करें।

मूंगफली की फसल में रोग का नियंत्रण-

इस फसल में टिक्का, कॉलर रूट, तना सड़न, पत्ती धब्बा प्रमुख रोग हैं। पत्ती धब्बा रोग होने पर डाइथेन एम45 का छिड़काव करें। किलनी रोग के लिए एम-45 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें। रोसेट एक वायरस जनित रोग है। इसकी रोकथाम के लिए इमिडाक्लोरोपिड 0.5 मि.ली. प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर निश्चित अंतराल पर छिड़काव करें।

खरपतवार नियंत्रण: केवल खरपतवारों के लिए निराई-गुड़ाई का प्रयास करें। बुआई से पहले पांडामेथालिन 30% या 38.7% का छिड़काव करके बुआई करें, जिससे खेत में खरपतवारों पर काफी हद तक नियंत्रण किया जा सके. खरपतवार नियंत्रण के लिए आप इमिजा थापर 10% या 35% का भी उपयोग कर सकते हैं।

मूंगफली की फसल की कटाई

मूंगफली की कटाई उसकी किस्म पर निर्भर करती है. शंकर किस्म 90 दिनों में तैयार हो जाती है, जिसकी कटाई आप 100 दिनों के अंदर कर सकते हैं. इससे अधिक समय तक यह जमीन में पड़ा रहा तो उत्पादन कम हो सकता है। देशी किस्म की कटाई आमतौर पर 120 दिनों के बाद की जाती है। शंकर किस्म की कटाई हाथ से की जा सकती है जबकि देसी किस्म की कटाई ट्रैक्टर की मदद से की जाती है।

किसान दोस्तों आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी कैसी लगी कृपया कमेंट करके जरूर बताएं। गर्मी के मौसम में उगाई जाने वाली सभी फसलों की जानकारी जल्द ही वेबसाइट पर प्रतिदिन पोस्ट की जाएगी।