देसी चने के वर्तमान भाव आगे चलकर लाभदायक रहेंगे : चना भाव रिपोर्ट 2024

चना भाव रिपोर्ट 2024  – नई दिल्ली, 3 अप्रैल  यद्यपि देसी चने की आवक सभी उत्पादक राज्यों में हो रही है। राजस्थान की मंडियों में थोड़ी कमजोर जरूर है, लेकिन जिस तरह नीचे वाले भाव में देसी चना कारोबारियों को कम मिल रहा है, उसे देखते हुए उत्पादकता में भारी पोल का आभास होने लगा है। अतः वर्तमान भाव के देसी चने में आगे चलकर लाभ मिल सकता है।

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यद्यपि देसी चने की आवक अलग-अलग प्रांत में जलवायु के अनुसार फरवरी से अप्रैल तक आती है। सबसे पहले महाराष्ट्र में मौसम फरवरी में गर्म हो जाता है, जिससे वहां नई फसल आकर 70 प्रतिशत मंडियों में किसानी माल जा चुका है, इसके बाद मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ कर्नाटक एवं आंध्र प्रदेश में नया चना आया है।

उक्त मंडियों में भी आवक का दबाव इस बार नहीं बन पा रहा है, क्योंकि प्रति हैक्टेयर उत्पादकता कम बैठ रही है, जिससे किसान धीरे-धीरे माल को बेच रहे हैं। सबसे बाद में राजस्थान के कोटा लाइन से माल आता है, उसके नोहर भादरा सवाई माधोपुर शार्दुलपुर सरदार शहर तारानगर करेली लाइन में देसी चना आता है। इस समय कोटा लाइन से शुरू हो चुका है, मध्य प्रदेश की मंडियों में चने की आवक गत वर्ष की अपेक्षाकृत 21-22 प्रतिशत कम हो रही है, जिससे वहीं पर भाव 5050/5125 रुपए प्रति क्विंटल के बीच चल रहे हैं, लेकिन वर्तमान भाव में माल ज्यादा नहीं मिल पा रहा है।

चना की सरकारी खरीद और भाव

देसी चने का समर्थन मूल्य 105 रुपए बढ़ाकर 5440 रुपए प्रति कुंतल सरकार द्वारा किया गया है, कुछ क्षेत्रों में धर्म कांटे खरीद हेतु लगाए जरूर गए हैं, लेकिन अभी तक सरकार द्वारा ज्यादा खरीद किए जाने की खबर नहीं मिल रही है। राजस्थान के कोटा लाइन में भी देसी चना आने लगा है, जो 5175 5200 रुपए प्रति क्विंटल के बीच नमी व दाने के साइज के हिसाब से बिक रहा है। मध्य प्रदेश के अकोला परभणी औरंगाबाद लाइन से पड़ता नहीं है, क्योंकि जलगांव की दाल मिलें वहीं से खरीद कर रही हैं, जिस कारण वहीं पर भाव 5400/5475 रुपए रुपए प्रति क्विंटल हो गए हैं। ]

मंडियो में बढ़ रही है आवक

राजस्थान की मंडियों में आवक धीरे-धीरे बढ़ रही है तथा संभावना यह है कि 20-22 अप्रैल तक आवक का दबाव बढ़ जाएगा, लेकिन सभी क्षेत्रों में कटाई के बाद मड़ाई की प्रतिशतता को देखते हुए यील्ड में कमी का एहसास हो रहा है। हम मानते हैं कि मटर के भाव नीचे होने से देसी चने की खपत में थोड़ी कमी आ जाएगी लेकिन प्रत्यक्ष दर्शियों एवं अनुभव व्यापारियों का मानना है कि देसी चने का उत्पादन 78 से 80 लाख मीट्रिक टन के बीच ही बैठ पाएगा, जबकि सरकारी अनुमान 110 लाख मीट्रिक टन के आसपास बता रहे हैं। इस तरह सरकारी व गैर सरकारी अनुमान में काफी अंतर दिखाई दे रहा है। फिलहाल सरकार द्वारा जमाखोरी पर दृष्टि डाले जाने से मंडियों में स्टाक नहीं हो रहा है, जिससे

दिल्ली अनाज मंडियो में चना का भाव : चना भाव रिपोर्ट 2024

दिल्ली में भी 5725/5750 रुपए प्रति कुंतल के भाव लॉरेंस रोड पर खड़ी मोटर में रह गए हैं तथा छिल्का खंडा एवं चूरी के भाव नीचे चलने से दाल मिलों को 6600 एक्स मिल छोटी दाल बेचने में पड़ता बिल्कुल नहीं लग रहा है जिस कारण वर्तमान में देसी चने के भाव नीचे वाले चल रहे हैं। आगे सभी दालों में, चने की दाल सस्ती है तथा पाइपलाइन में माल अनुकूल नहीं है। इन परिस्थितियों को देखते हुए वर्तमान भाव में जो राजस्थानी चना 5750 रुपए बिक रहा है, इसमें घटने की बिल्कुल गुंजाइश नहीं है तथा 15 जून से पहले एक बार चना 6500 बन सकता है। आगे की स्थिति अन्य दालों की उपलब्धि पर निर्भर करेगी।