जीरा बाज़ार भाव रिपोर्ट : जीरे के निर्यात आवक में आई कमी विदेशी उत्पादन के चलते बाजार में मंदी देखे जीरा में तेजी कब आएगी 2024

जीरा बाज़ार भाव रिपोर्ट -चालू सप्ताह के दौरान जीरे की कीमतों में सुस्ती बनी रही। गौरतलब है कि देश ही नहीं विदेशों में भी उत्पादन बढ़ने की खबरों के चलते निर्यात मांग ठप हो गई है और स्थानीय व्यापार भी प्रभावित हो रहा है। जिसके चलते हाजिर और वायदा में जीरे के दाम लगातार गिर रहे हैं। मौजूदा हालात को देखते हुए निकट भविष्य में बाजार में लंबी अवधि की तेजी की संभावना नहीं दिख रही है। फिलहाल बाजार 5/10 रुपए की मंदी के साथ चल रहा है।

चालू सीजन के दौरान देश में जीरे का रिकॉर्ड उत्पादन एक करोड़ बोरी से अधिक होने का अनुमान है, जबकि पिछले साल उत्पादन 50/55 लाख बोरी का हुआ था। पिछले सीजन में रिकॉर्ड तेजी के चलते उत्पादक राज्यों राजस्थान और गुजरात में जीरे की बुआई ज्यादा रकबे में हुई, साथ ही मौसम भी फसल के अनुकूल रहा। जिसके चलते उत्पादन में बढ़ोतरी के साथ-साथ गुणवत्ता भी अच्छी आ रही है। विदेशों में भी पिछले साल के मुकाबले ज्यादा उत्पादन की खबरें हैं।

विदेशों में जीरा उत्पादन

भारत के अलावा चीन, तुर्की, सीरिया और अफगानिस्तान में भी जीरे का उत्पादन होता है, लेकिन भारतीय जीरे की गुणवत्ता अच्छी है। पिछले साल कीमतें अधिक होने के कारण जीरे की बुआई अधिक देशों में हुई, जिसके कारण इस साल विदेशों में जीरे का उत्पादन अधिक होने की खबरें हैं। सूत्रों का मानना ​​है कि इस साल चीन में जीरे का उत्पादन 55/60 हजार टन होने का अनुमान है, जबकि पिछले साल उत्पादन 28/30 हजार टन था। इसके अलावा सीरिया में उत्पादन 20/22 हजार टन से बढ़कर 45/50 हजार टन और तुर्की में 7/8 हजार टन से बढ़कर 14/15 हजार टन होने की खबरें हैं। अफगानिस्तान में भी जीरे का उत्पादन 35/40 हजार तक बढ़ने की खबरें हैं, जबकि पिछले साल उत्पादन 20/22 हजार टन था।

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चीन में नया जीरा आवक शुरु ( जीरा बाज़ार भाव रिपोर्ट )

चीन में जीरे की नई फसल आनी शुरू हो गई है। 15/20 जून के आसपास आवक का दबाव बनना शुरू हो जाएगा। जबकि तुर्की-सीरिया में जुलाई महीने में आवक शुरू हो जाएगी। कीमतों में गिरावट

चालू सप्ताह के दौरान जीरे के भाव में सुस्ती रही। हालांकि, भाव गिरने के कारण मंडियों में रोजाना जीरे की आवक रही, लेकिन खरीदार नहीं मिलने से भाव सुस्त रहे। वायदा बाजार में भी भाव सुस्त बोले गए। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों चीन में जीरे की फसल खराब होने की खबर फैलाकर भाव में 50/70 रुपए प्रति किलो की बढ़ोतरी की गई, लेकिन चीन में अब तक फसल की अच्छी स्थिति होने के कारण भाव में पिछले सप्ताह 15/20 रुपए प्रति किलो की गिरावट आई है। निर्यातकों की ओर से मांग नहीं होने के कारण निर्यात भाव सुस्त रहे। पिछले तीन-चार दिन पहले निर्यात भाव 5700 रुपए प्रति 20 किलो बोला जा रहा था, जो अब घटकर 5300/5350 रुपए रह गया है, लेकिन इन भावों पर कारोबार नहीं हो रहा।

जीरा भाव में तेजी कब आएगी 2024

सूत्रों का कहना है कि निकट भविष्य में जीरे के भाव में ज्यादा बढ़ोतरी की संभावना नहीं है। क्योंकि आज भी 2/3 महीने तक विदेशों से नया माल आने के कारण भारतीय जीरे का निर्यात व्यापार सीमित ही रहेगा। लेकिन विदेशों से आवक कम होने के बाद कीमतों में सुधार हो सकता है, जो संभवतः सितंबर-अक्टूबर माह में होगा। लेकिन ज्यादा तेजी नहीं आएगी। क्योंकि भाव गिरने के कारण किसानों के पास माल रोककर रखने के कारण पर्याप्त स्टॉक है।

आवक में आई गिरावट

जीरे के भाव में गिरावट के कारण मंडियों में आवक भी कम हो गई है। गुजरात की प्रमुख मंडी ऊंझा में आवक घटकर 14/15 हजार बोरी रह गई है। जबकि राजस्थान की मेड़ता, जोधपुर, नागौर, नौखा मंडी में आवक घटकर 1000/3000 बोरी रह गई है। भाव बढ़ने पर किसान मंडियों में माल लेकर आएंगे। जिससे साल भर मंडियों में माल की आवक बनी रहेगी।

जीरा वायदा बाजार भाव  ( जीरा बाज़ार भाव रिपोर्ट )

वायदा बाजार में भी चालू सप्ताह के दौरान जीरे के भाव में गिरावट दर्ज की गई। वायदा में जून महीने का जीरा 29240 रुपये पर खुला, जो सप्ताह के अंत में 27125 रुपये पर बंद हुआ। जुलाई महीने का जीरा 28500 रुपये पर खुला और सप्ताह के अंत में 26150 रुपये पर बंद हुआ।

जीरा निर्यात में आई गिरावट ( जीरा बाज़ार भाव रिपोर्ट )

पिछले 4 वर्षों से जीरे के निर्यात में गिरावट देखी जा रही है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2022-21 में जीरे का रिकॉर्ड निर्यात 298423 टन हुआ था। जो वर्ष 2021-22 में घटकर 216971 टन रह गया और वर्ष 2022-23 में निर्यात 186509 टन रह गया। चालू सीजन के पहले 11 महीनों अप्रैल-फरवरी के दौरान जीरे का निर्यात 132019 टन का हुआ है।