गेहूं समर्थन मूल्य 2700/- पर CM मोहन यादव का आया बड़ा बयान

विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान दोनों प्रमुख पार्टियों कांग्रेस और बीजेपी ने अपना-अपना घोषणापत्र जारी किया था. उस दौरान कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में गेहूं का समर्थन मूल्य 2600 रुपये प्रति क्विंटल करने का वादा किया था. इसके जवाब में बीजेपी ने किसानों के लिए अपने घोषणा पत्र में कहा था कि किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य 3100 रुपये प्रति क्विंटल और गेहूं 2700 रुपये प्रति क्विंटल पर खरीदा जाएगा. इसे पीएम मोदी की गारंटी बताया गया.

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विधानसभा चुनाव 2023 में प्रचंड बहुमत मिलने के बाद भी किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य 2700 रुपये प्रति क्विंटल नहीं दिया गया. इसके बदले राज्य सरकार ने किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य 2275 रुपये के अलावा 125 रुपये बोनस देने का आदेश दिया है. अब किसानों से 2400 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गेहूं खरीदा जा रहा है. इसी बीच अब प्रदेश के मुखिया डॉ. मोहन यादव ने गेहूं का समर्थन मूल्य 2700 रुपये प्रति क्विंटल करने को लेकर बड़ा बयान दिया है, आइए जानते हैं पूरी जानकारी..

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किसानों को 2400 रु. समर्थन मूल्य मिल रहा है

पिछले दो वर्षों से गेहूं की कीमतें लगातार अच्छी बनी हुई हैं। इससे किसानों को अच्छा लाभ मिल रहा है और इस वर्ष न्यूनतम समर्थन मूल्य 2275 रुपये प्रति क्विंटल की जगह 2400 रुपये प्रति क्विंटल है. यही कारण है कि किसान अब गेहूं क्रय केंद्रों पर गेहूं की तौल करा रहे हैं।

गेहूं उपार्जन केंद्रों से किसानों को 2400 रुपए बोनस सहित समर्थन मूल्य के बिल मिलने शुरू हो गए हैं। अब तक समर्थन मूल्य तौल केंद्र खाली चल रहे थे। अब यहां बेचने वालों की कतार लग गई है। इसका असर मंडियों में होने वाली नीलामी पर पड़ा है; मंडियों में गेहूं की आवक कम हो गई है. विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि बाजार में कमजोर आवक का मुख्य कारण सुपर क्वालिटी का गेहूं रुका हुआ है।

इस वर्ष गेहूं का उत्पादन कम हुआ

किसानों के मुताबिक सरकार अच्छे दाम दे रही है. बाजार में भी गुणवत्ता के हिसाब से दाम अच्छे हैं, लेकिन 60 प्रतिशत उपज का जो अतिरिक्त लाभ किसानों को मिलना था, वह प्रकृति ने छीन लिया। इधर सरकार ने गेहूं की कीमतों पर कड़ी नजर रखनी शुरू कर दी है. सरकार ने व्यापारियों के लिए व्यवस्था की है कि उन्हें हर हफ्ते 500 टन की स्टॉक सीमा का डेटा पोर्टल पर दर्ज करना होगा।

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इससे जमाखोरी पर अंकुश लगेगा. देखा जाए तो इस वर्ष मंडियों में कृषि उपज की बंपर आवक एक-दो दिन ही संभव हो पाई है। औसत आवक के कारण, खरीदारों और व्यापारियों को अपने ऑर्डर पूरा करने के लिए नीलम के लिए ऊंची कीमतों पर बोली लगानी पड़ती है। इसके चलते गेहूं 2800 से 3000 रुपये के भाव पर नीलाम होता है।

उज्जैन के चिमनगंज मंडी के गेहूं व्यापारी अमर अग्रवाल के मुताबिक इस साल गेहूं व्यापार के लिए फायदे का सौदा नहीं माना जा रहा है। अप्रैल में देशभर में गेहूं बिकना शुरू हो जाएगा, अगर उस दौरान कीमतों में सुधार होता है तो बाजार में व्यापारियों को कुछ फायदा मिल सकता है। फिलहाल स्टॉक में गेहूं ज्यादा है जबकि सुपर बेस्ट क्वालिटी के गेहूं की मांग कम होने से कारोबार में कोई मुनाफा नहीं मिल रहा है.

इस वर्ष बाजार में गेहूं अधिक बिका

कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि इस वर्ष प्रतिकूल मौसम के कारण गेहूं का उत्पादन कम हो रहा है. वहीं, बाजार में कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य से भी ज्यादा मिल रही हैं. ऐसे में किसान बाजार में ज्यादा गेहूं बेचेंगे।

राज्य सरकार ने भले ही गेहूं के समर्थन मूल्य पर 125 रुपये प्रति क्विंटल बोनस देने का फैसला किया है, लेकिन किसान इससे खुश नहीं हैं. इसका सबसे बड़ा असर गेहूं की सरकारी खरीद पर पड़ेगा. इस वर्ष सरकार द्वारा गेहूं खरीद के लिए निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप गेहूं की खरीद नहीं हो पायेगी.

लोकसभा चुनाव- किसानों के लिए होगा बड़ा ऐलान!

मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषणों के दौरान गेहूं और धान की खरीद क्रमश: 2700 रुपये और 3100 रुपये प्रति क्विंटल करने की घोषणा की थी.

प्रधानमंत्री ने इसे ”पीएम मोदी की गारंटी” कहा था. अब लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. ऐसे में न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की संभावना नहीं है, लेकिन इसके बावजूद पीएम नरेंद्र मोदी किसानों के लिए अन्य घोषणाएं कर सकते हैं.

समर्थन मूल्य ₹2700 करने को लेकर सीएम ने दिया ये बयान

इधर, इस मामले को लेकर राज्य के सीएम डॉ. मोहन यादव ने संकेत दिये हैं. सीएम मोहन यादव ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि एमपी में विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने जो घोषणा पत्र जारी किया था, उसका पालन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सभी घोषणाएं एक साथ पूरी नहीं की जा सकतीं, सभी धीरे-धीरे पूरी होंगी. सीएम ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य धीरे-धीरे बढ़ाया जाएगा. गेहूं और धान की एमएसपी बढ़ाई जाएगी.

अगले वर्ष गेहूं का समर्थन मूल्य और औसत मूल्य बढ़ेगा

अगले साल गेहूं के समर्थन मूल्य में बड़ी बढ़ोतरी की संभावना है. बताया जा रहा है कि गेहूं का समर्थन मूल्य 2700 रुपये प्रति क्विंटल के करीब हो सकता है. आगामी रबी सीजन से पहले न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया जाएगा।

इस साल गेहूं का उत्पादन भी करीब 35 से 40 फीसदी कम हुआ है. ऐसे में भविष्य में गेहूं और महंगा साबित होगा. इस वर्ष दाम बढ़ने से अधिक गेहूं होल्ड पर होने से खुले बाजार में भाव सरकारी भाव से अधिक रहेगा, लेकिन मालवराज व तेजस मंडियों में गेहूं 2250 से 2300 रुपए में बिकेगा।