नमस्कार किसान भाइयों. किसान अक्सर शिकायत करते हैं कि उनकी फसलें जंगली जानवर और आवारा जानवर बर्बाद कर देते हैं। देश के कई राज्यों के किसान नीलगाय, जंगली जानवरों और आवारा जानवरों के आतंक से परेशान हैं. ऐसे में उन्हें भारी आर्थिक नुकसान होता है, जिसे लेकर वे काफी चिंतित रहते हैं। कई किसान अपने खेतों में बाड़ लगाते हैं। इससे कई जानवरों की मौत भी हो जाती है. कई राज्यों में बाड़ लगाना भी प्रतिबंधित है.
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ऐसे में कई किसान सर्दी, गर्मी और बरसात के दिनों में भी पूरी रात अपने खेतों की रखवाली करते हैं. इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए हम आपको कुछ प्राकृतिक तरीके बताएंगे जिसके जरिए फसल को जानवरों से बचाया जा सकता है। आइए जानते हैं वो कौन से तरीके हैं जिनसे आप अपनी फसलों को बर्बाद होने से बचा सकते हैं।
स्प्रे कर सकते हैं
आज के समय में आवारा पशुओं और नीलगाय की समस्या के समाधान में बायो-लिक्विड स्प्रे काफी मददगार साबित हो सकता है. अगर आप इस स्प्रे को अपने खेतों में छिड़केंगे तो आवारा जानवर और जंगली जानवर आपके खेतों के पास नहीं आएंगे। साथ ही इसे फसल में छिड़कने से भी कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है. दरअसल इसके इस्तेमाल से फसल से कीड़े भी खत्म हो जाते हैं.
मेड़ के किनारे औषधीय पौधे लगाएं
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किसान खेतों के आसपास औषधीय पौधे लगा सकते हैं क्योंकि जानवर औषधीय पौधों को खाना पसंद नहीं करते हैं। इसके अलावा औषधीय पौधों की सुगंध भी जानवरों को खेतों में आने से रोकती है। ऐसे में मेड़ों के किनारे औषधीय पौधे लगाने से किसानों को मुनाफा होता है और उनकी फसलें भी सुरक्षित रहती हैं.
फसल बचाने के घरेलू उपाय
नीलगाय के आतंक से बचने के लिए आप कई अन्य देशी नुस्खे भी अपना सकते हैं। इसमें आप चार किलो छिले हुए प्याज को मट्ठे में रेत के साथ मिलाकर अपनी फसल पर स्प्रे कर सकते हैं. इस घोल की गंध से जानवर आपके खेतों के पास नहीं आएंगे। इसके अलावा आप लहसुन से बने पेस्ट को भी खेतों में छिड़क सकते हैं. लहसुन की गंध जानवरों को भी खेतों में आने से रोकती है। इन सभी उपायों से आप अपनी फसलों को जानवरों के आतंक से बचा सकते हैं।
पुतला लगाकर जानवरों को भगाया जा सकता है
अक्सर आपने देखा होगा कि किसान फसलों के बीच में पुतला लगाते हैं। ये है किसानों का देसी जुगाड़. ऐसा करने से आवारा जानवर भी खेत में नहीं आते. जानवरों को लगता है कि कोई फसल की सुरक्षा के लिए खेत में खड़ा है, जिससे उन्हें खतरा है. इसलिए आवारा जानवर खेतों में नहीं आते. किसानों के लिए इसे लगाना काफी किफायती है क्योंकि किसान अपने घर पर ही पुतला तैयार कर सकते हैं.
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