गेंहू की बम्फर पैदावार के लिए डालें सल्फेट,जिंक , जानें कब कब और कितना कितना छिड़काव करें

गेंहू की बम्फर पैदावार – नमस्कार किसान साथियो आज की इस पोस्ट के अंदर आपके लिए ले कर के आयें है . गेंहू कि फसल के अंदर हमें जिंक , सल्फेट का उपयोग कब और कितना करना चाहिए . ताकि हमें अपनी फसल की अच्छी पैदावार मिल सके . सभी प्रकार की जानकारी आज की इस पोस्ट के अंदर प्रदान की गयी है

व्हाट्सएप्प ग्रुप में जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करे

गेहूं की फसल में जिंक | रबी सीजन में देश के किसान अपने खेतों में मुख्य रूप से गेहूं उगाते हैं. गेहूं की फसल से गेंहू की बम्फर पैदावार पाने के लिए किसान कई तरह के उपाय करते हैं। ताकि गेहूं की फसल अच्छी तरह से विकसित हो सके.

लेकिन अक्सर देखा जाता है कि गेहूं की फसल में जिंक की कमी के कारण किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है. ऐसे में हरियाणा कृषि विभाग ने गेहूं की फसल में जिंक की कमी के लक्षण और उपचार पर महत्वपूर्ण कृषि सलाह जारी की है. जिससे किसान समय रहते इस पर नियंत्रण कर अच्छी पैदावार प्राप्त कर सके।गेंहू की बम्फर पैदावार निम्न बातो का ध्यान रखे

यह भी पढ़े –

बकरी पालन पर सरकार दे रही 90 % तक सब्सिडी, अभी करे आवेदन subsidy on goat farming

मात्र एक साड़ी से भगाए नीलगाय करे यह देसी जुगाड़ 2024

मेड़ता मंडी भाव देखे सोंफ ग्वार रायडा चना जीरा सुवा तारामीरा इसबगोल कपास मूंग असालिया भाव Merta Mandi Bhav Today

गेंहू की बम्फर पैदावार के लिए जारी सलाह

हरियाणा कृषि विभाग ने गेहूं की फसल में जिंक की कमी के लक्षण एवं उपचार के लिए निम्नलिखित कृषि सलाह जारी की है, जो इस प्रकार हैं:-

  • जिंक की कमी होने पर गेहूं की फसल की पत्तियों पर महीन रेखाएं या झुलसे हुए रंग के धब्बे (जैसा कि लोहे में जंग लगने के कारण होता है) दिखाई देने लगते हैं।
  • पौधों का पीला पड़ना: गेहूं की फसल में जिंक की कमी के कारण फसल की पत्तियाँ पीली हो जाती हैं, जिससे सामान्यतः फसल का हरा रंग पीला हो जाता है।
  • पत्तियों में सूखापन: जिंक की कमी के कारण पत्तियां सूखने लगती हैं जिससे पौधों का प्रकाश संश्लेषण ठीक से नहीं हो पाता, जिससे उनके उत्पादन में कमी आ जाती है।
  • बीज विकास में कमी: जिंक की कमी के कारण बीज विकास की गति में कमी आ जाती है। इसके अलावा अच्छी गुणवत्ता वाली फसल के विकास में भी दिक्कतें आती हैं.
  • गेहूं की फसल में जिंक की कमी का उपचार
  • गेहूं की फसल में जिंक | किसानों को 200 लीटर पानी में एक किलोग्राम जिंक सल्फेट (21 प्रतिशत) तथा आधा किलोग्राम चूना (बुझा हुआ) मिलाकर मलमल के कपड़े से छानकर प्रति एकड़ गेहूं की फसल में छिड़काव करना चाहिए। ऐसा करने से किसान को गेहूं उत्पादन में अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे।

किसान साथियो कृषि रसायनों का छिडकाव करने से पहले अपने कृषि विशेषग्य से विचार विमर्श अवश्य करे . किसी भी प्रकार के जोखिम , लाब और हानि के लिए फार्मिंग एक्सपर्ट जिमेवार नहीं है . धन्यवाद

यह भी जाने –

आज का धान का भाव देखे आज धान मे कितनी तेजी मंदी today paddy price

2024-25 गेंहू की सरकारी खरीद होगी अब 2400 रु पर पंजीकरण हुआ शुरू ऐसे करवाए पंजीयन रखे इन बातो को ध्यान में

मूंग की जल्दी तैयार होने वाली ये किस्म देंगी 8-10 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पैदावार, ऐसे करे मूंग की खेती