100 दिन का एजेंडा लागू करना खाद्य मंत्रालय की पहली प्राथमिकता

100 दिन का एजेंडा – केंद्रीय खाद्य, उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि उनकी पहली प्राथमिकता पहले 10 दिनों के एजेंडे को प्रभावी ढंग से लागू करना होगी। कर्नाटक के सांसद और वरिष्ठ भाजपा नेता प्रह्लाद जोशी को इस बार यह मंत्रालय दिया गया है, जबकि पहले पीयूष गोयल इस मंत्रालय को संभाल रहे थे।

खाद्य मंत्री के मुताबिक पूर्व मंत्री द्वारा चिन्हित 100 दिन के एजेंडे को लागू करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे और उम्मीद है कि इसके अच्छे नतीजे सामने आएंगे। प्रहलाद जोशी के अनुसार, “मैं प्रधानमंत्री का आभारी हूं कि उन्होंने मुझे इस मंत्रालय में काम करने का मौका दिया जो सीधे आम लोगों से जुड़ा हुआ है और जहां हम 80 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध करा रहे हैं।

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 राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के बारे में …. 100 दिन का एजेंडा

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के बारे में मंत्री ने कहा कि इसके लिए पहले से ही ठोस व्यवस्था है और वे इसे मजबूत बनाने की दिशा में काम करते रहेंगे। खाद्यान्न की नियमित आपूर्ति जारी रहेगी। खाद्य मंत्री को कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि इस बार रबी विपणन सीजन के दौरान गेहूं की खरीद में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हुई और चावल की खरीद भी पिछले साल के मुकाबले निर्धारित लक्ष्य से काफी पीछे है।

घरेलू क्षेत्र में खाद्य महंगाई से लोग परेशान हैं। दालों और खाद्य तेलों की कीमत काफी ऊंचे स्तर पर चल रही है जबकि इसके आयात को काफी बढ़ावा दिया जा रहा है। आवश्यक खाद्य वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि पर अंकुश लगाना जरूरी है। अभी तक ओपन मार्केट सेल स्कीम (ओएमएसएस) के तहत गेहूं की बिक्री शुरू करने के बारे में कोई निर्णय नहीं लिया गया है।