wheat news 2024 नई दिल्ली। केंद्रीय पूल के लिए गेहूं की खरीद में मामूली वृद्धि को देखते हुए खाद्य मंत्रालय को चालू माह से ओपन मार्केट सेल स्कीम (ओएमएसएस) के तहत इस महत्वपूर्ण खाद्यान्न की ई-नीलामी (बिक्री) शुरू करने का फैसला लेने में दिक्कत हो सकती है।
इस बार सरकार ने 373 लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा था, जबकि वास्तविक खरीद 270 लाख टन तक भी नहीं पहुंच पाई है। गेहूं की सरकारी खरीद का समय धीरे-धीरे खत्म हो रहा है और अब खरीद केंद्रों पर इस अनाज की आवक नगण्य है।
अधिकतम मात्रा में गेहूं की खरीद सुनिश्चित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा तमाम तरह के हथकंडे अपनाए गए, लेकिन वे कारगर साबित नहीं हुए।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सरकार घरेलू क्षेत्र में गेहूं की कीमतों पर कड़ी नजर रख रही है और फिलहाल स्थिति चिंताजनक स्तर पर नहीं पहुंची है।
यह सही है कि आपूर्ति के पीक सीजन में भी गेहूं की कीमत में उम्मीद के मुताबिक गिरावट नहीं आई, लेकिन ऐसा लगता है कि आटा मिलों और व्यापारियों द्वारा इसकी अच्छी मात्रा में खरीद की गई है।
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नयी सरकार बन्ने से पहले गेंहू नीलामी असम्भव wheat news 2024
यह तो पहले से ही साफ था कि केंद्र में नई सरकार बनने से पहले गेहूं की नीलामी बिक्री शुरू नहीं होगी। अब सरकार बनाने की कवायद शुरू हो गई है और नीलामी बिक्री पर फैसला नए खाद्य मंत्री ले सकते हैं। यह भी देखना होगा कि एनडीए में भाजपा और उसके सहयोगी दलों में से खाद्य मंत्रालय किसके खाते में जाता है। प्रधानमंत्री 8 जून को शपथ लेने जा रहे हैं।
गौरतलब है कि खाद्य मंत्रालय ने मार्च 2024 में बफर स्टॉक रूल्स (ओएमएसएस) के तहत केंद्रीय पूल में अधिशेष मात्रा में खाद्यान्न (गेहूं और चावल) की बिक्री के लिए नई नीति को मंजूरी दी थी, जो 1 अप्रैल से 31 जुलाई तक वैध है। इस नीति की 7 जून को समीक्षा होनी है और उसके बाद नया आरक्षित मूल्य निर्धारित किया जाएगा जो चालू वित्त वर्ष के शेष महीनों के लिए वैध होगा। लेकिन चूंकि मई सरकार का शपथ ग्रहण 8 जून को होना है, इसलिए 7 जून को समीक्षा करना मुश्किल होगा।