Kabuli chana report 2023 – तुवर ,मसूर ,चना जानिए किन फसलो के भाव में आएगी ? तेज़ी मंदी समीक्षा

तेज़ी मंदी समीक्षा | नमस्कार किसान साथियों जानिए चना , काबुली चना , तुवर , उड़द दलहन कि फसलो में तेजी आएगी | हमारी कोशिस रहती है कि किसानो तक सही और स्टिक जानकारी पहुंचाई जाये और व्यापार अपने विवेक पर करे |

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उड़द सप्ताहिक तेजी मंदी रिपोर्ट 2023 –

पिछले सप्ताह सुरुवात सोमवार चेन्नई एसक्यू 7325 रुपये पर खुला था ओर शनिवार शाम एसक्यू 7275 रुपये पर बंद हुआ बीते सप्ताह के दौरान उडद मे मांग रहने से -50 रूपए कुन्टल की मजबूत दर्ज हुआ,सुस्त मांग और आंध्र की नई उड़द शुरू होने के साथ पोंगल के अवकाश के चलते उड़द के भाव में दबाव रहा।

उड़द में धीरे धीरे निचे जाने के कारण सेंटीमेंट कमजोर हुआ ग्राहकी कुछ हद तक प्रभावित हुआ हालांकि चेन्नई जिसके कारण है में बर्मा उड़द आने वाले दिनों में 6800/7000 की रेंज में बेस बनाने की संभावना है। देशी उड़द की आवक काफी कमजोर है। और ऐसा लगता है की उत्पादन पहले अनुमान से काफी कमजोर है।

आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना की आने वाली फसल औसत या सामान्य है। हमारा मानना है आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना की कुल फसल 3 लाख टन रह सकता है। बर्मा में इस वर्ष उड़द उत्पादन हमारा मानना है की 6.5 लाख टन रहने की संभावना है। बर्मा और दक्षिण भारत की फसल के सहारे हमें अब अगला 8 महीना निकालना है।

हमारा मानना है की चेन्नई उड़द (READY) अगले 4-6 महीना के दौरान निचे में 6800/7000 और ऊपर 8000/8200 की रेंज में कारोबार कर सकता है। व्यापार अपने विवेक से करें

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तुवर भाव भविष्य 2023 – तेज़ी मंदी रिपोर्ट 2023

पिछला सप्ताह सुरुवात सोमवार अकोला तुुवर नयी मारूति 7600 रुपये पर खुला था ओर शनिवार शाम 7500 रुपये पर बंद हुआ बीते सप्ताह के दौरान तुवर मे मांग कमजोर रहने से -100 रूपये कुन्टल की गिरवट दर्ज हुआ, बाजार में कमजोरी के प्रमुख कारण तुवर और तुवर दाल के दाम पिछले सीजन से ऊंचा होना।

हलकी मीडियम नए तुवर की अधिक आवक अधिकतर स्टॉकिस्ट का बाजार से बाहर होना। अनुसार महाराष्ट्र में इस वर्ष तुवर लगभग 25-30% कमजोर उत्पादन रहेगा। तुवर उत्पादन लगभग 30-40% कमजोर रहने का अनुमान। विदर्भ में फसल कमजोर है लेकिन आवक फरवरी अंत तक अच्छी रहने की उम्मीद हालांकि इस बीच कर्नाटक की आवक धीरे धीरे कमजोर पड़ने की संभावना तुवर में 200/300 की गिरावट की संभावना अच्छी क्वालिटी में डिमांड का सपोर्ट रहेगा

इस वर्ष उत्पादन पिछले वर्ष से 20% घटकर 24.58 लाख टन अनुमान अकोला बिल्टी तुवर अभी 7500 है और 7000/7200 की रेंज में मिले तो अच्छी खरीदी रह सकती। कमजोर उत्पादन को देखते हुए इस सीजन तुवर ऊपर में 8500/9000 का रेंज की संभावना।

हालांकि सरकार की दलहन की निति को देखते हुए तेजी आने पर ऊपर में समय समय पर मुनाफा लेने न चुके।
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मसूर सप्ताहिक रिपोर्ट – तेज़ी मंदी समीक्षा –

पिछला सप्ताह सुरुवात सोमवार कटनी मसूर 6500 रुपये पर खुला था ओर शनिवार 6375 रुपये पर बंद हुआ बीते सप्ताह के दोरान मसूर मे कमजोर मांग रहने से -125 रूपये कुंटल की गिरावट दर्ज हुआ,देशी और इम्पोर्टेड मसूर के दाम में सप्ताह के दौरान 100/125 रुपये की कमजोरी रही ।

देश में इस सीजन मसूर की बेहतर बोआई के कारण उत्पादन बढ़ने की संभावना है। इसबीच विदेशों से भी लगातार मसूर आयात होने से भाव पर दबाव है। हमारे पास जानकारी अनुसार अगले एक माह में मसूर के 4 बड़े जहाज़ों में आयात आने की संभावना है।

विश्वस्त सूत्रों के अनुसार 4 जहाज़ों में इस दौरान लगभग 1.5-2 लाख टन मसूर आने की उम्मीद ऑस्ट्रेलिया मसूर फिलहाल काफी सस्ते में मिल 670-675 डॉलर प्रति टन के बीच है, जबकि कनाडा का ऊंचा भाव होने के कारण लेवाल कमजोर है। ऑस्ट्रेलिया कनाडा में बेहतरीन फसल, लगातार आयात और घरेलु उत्पादन बढ़ने की संभावना से मसूर में कमजोरी का अनुमान है।

हमारा मानना है कटनी मसूर नए मसूर में अभी 200/300 रुपये की कमजोरी आसानी से देखने को मिल सकता है।
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उड़द सप्ताहिक तेजी मंडी रिपोर्ट –

पिछले सप्ताह सुरुवात सोमवार चेन्नई एसक्यू 7325 रुपये पर खुला था ओर शनिवार शाम एसक्यू 7275 रुपये पर बंद हुआ बीते सप्ताह के दौरान उडद मे मांग रहने से -50 रूपए कुन्टल की मजबूत दर्ज हुआ,सुस्त मांग और आंध्र की नई उड़द शुरू होने के साथ पोंगल के अवकाश के चलते उड़द के भाव में दबाव रहा।

उड़द में धीरे धीरे निचे जाने के कारण सेंटीमेंट कमजोर हुआ ग्राहकी कुछ हद तक प्रभावित हुआ हालांकि चेन्नई जिसके कारण है में बर्मा उड़द आने वाले दिनों में 6800/7000 की रेंज में बेस बनाने की संभावना है।

देशी उड़द की आवक काफी कमजोर है। और ऐसा लगता है की उत्पादन पहले अनुमान से काफी कमजोर है। आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना की आने वाली फसल औसत या सामान्य है।

हमारा मानना है आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना की कुल फसल 3 लाख टन रह सकता है। बर्मा में इस वर्ष उड़द उत्पादन हमारा मानना है की 6.5 लाख टन रहने की संभावना है।

बर्मा और दक्षिण भारत की फसल के सहारे हमें अब अगला 8 महीना निकालना है। हमारा मानना है की चेन्नई उड़द (READY) अगले 4-6 महीना के दौरान निचे में 6800/7000 और ऊपर 8000/8200 की रेंज में कारोबार कर सकता है।
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काबुली चना सप्ताहिक रिपोर्ट Kabuli chana report 2023 –

पिछला सप्ताह सुरुवात सोमवार इंदौर 13400 रुपये पर खुला था और शनिवार शाम 12000 रुपये पर बंद हुआ बीते सप्ताह के दौरान काबुली चना मे मांग कमजोर रहने से -1400 रूपये कुन्टल की गिरवट दर्ज हुआ

,काबुली में मजोरी रही हालांकि निचे भाव से काबुली में 400/500 का सुधार भी दर्ज किया गया दरअसल कमजोर आवक और निचे भाव में अच्छे क्वालिटी की कमी से भाव में सुधार काबुली स्टॉक काफी कमजोर जिसके कारण सुधार से इंकार नहीं काबूली की बोआई इस सीजन अच्छी है।

लेकिन सही रिपोर्ट उत्पादन माह के अंत तक आएगी। यदि उत्पादन बढ़ा तो मध्य फरवरी के बाद से आवक में सुधार की उम्मीद है। काबुली के कमजोर स्टॉक को देखते हुए जल्दी बड़ी गिरावट नहीं आने की संभावना नही है।
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चना तेजी मंदी रिपोर्ट 2023 –

पिछला सप्ताह सुरुवात सोमवार दिल्ली राजस्थान लाइन 5175 रुपये पर खुला था और शनिवार शाम 5075 रुपये पर बंद हुआ बीते सप्ताह के दौरान चना दाल बेसन में मांग कमजोर रहने से -100 रूपये कुन्टल की गिरवट दर्ज हुआ, नाफेड द्वारा लगातार भाव घटाकर स्टॉक बेचने के कारण हाजिर चना में कमजोरी का माहौल बना।

जनवरी माह में ही अब नाफेड ने महाराष्ट्र चना टेंडर के भाव में 125 घटाकर बेचना शुरू कर दिया है। चूँकि नाफेड कम दाम पर चना बेच रहा है तो हाजिर के भाव में कमजोरी दर्ज की गई। ऐसा प्रतीत हो रहा नाफेड द्वारा कम भाव पर बेचने की निति अभी जारी रह सकती है। जो हाजिर के लिए अच्छा नहीं है।

चना के दाम में जारी गिरावट को देखते हुए किसानों को अभी से मायूसी नजर आने लगी है। फिलहाल मंडियों में चना की आवक काफी कमजोर है, जबकि कर्नाटक/महाराष्ट्र में नया चना छिटपुट छिटपुट दस्तक दे रहा है।

फरवरी मध्य से चना की आवक में महाराष्ट्र कर्नाटक सुधरेगा और मिलर्स की नए चना में मांग निकलने की उम्मीद पिछले 3-4 सालों का चना का फंडामेंटल देखे तो नाफेड की।

बिक्री निति के इर्दगिर्द घूमता रहा है। इसबीच हाल में राजस्थान और मध्य प्रदेश के कई इलाकों में तापमान गिरने से पाला पड़ने की कही कही चना की फसल प्रभावित होने की रिपोर्ट हालांकि फसल को नफ़ा/नुकसान का आकलन लगने में 10-15 दिन का समय लग सकता है।

हमारा मानना था की चना के दाम में गिरावट नहीं होगी; लेकिन नाफेड द्वारा अचानक भाव बेचने से सारा घटाकर समीकरण गड़बड़ हुआ हुआ। प्रभविष्य में नाफेड द्वारा क्या बिक्री निति रहेगी किसी को भी कुछ अंदेशा नहीं इसलिए चना मै सिमित जरूरतानुसार कारोबार की सलाह रहेगी।
व्यापार अपने विवेक से करें तेज़ी मंदी समीक्षा

अपील – किसान साथियों व्यापार अपने विवेक और सयम से करे | किसी भी प्रकार के वितीय निवेश से पहले अपने वितीय सलाहकार से सलाह जरुर करे धन्यवाद |