देश में बांधो का जलस्तर आया निचा ,पानी की किलत अब सिर्फ बारिश पर …..

देश के 150 प्रमुख बांधो का जलस्तर तेजी से गिर गया है. इन बांधों में कुल क्षमता का एक चौथाई पानी बचा हुआ है. इन बांधों के जलस्तर में लगातार 32 हफ्तों से गिरावट देखी जा रही है. केंद्रीय जल आयोग की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. जलस्तर गिरने से पेयजल व सिंचाई संकट में है. उत्तरी और पश्चिमी भारत के बांधों में पानी की स्थिति और भी खराब है. जिन इलाकों में कम बारिश हुई है वहां पानी की सबसे ज्यादा कमी है.

जल आयोग की रिपोर्ट बताती है कि उत्तरी और पश्चिमी इलाकों के बांधों में 30 फीसदी तक पानी की कमी है. इसी तरह दक्षिणी क्षेत्र के बांधों में जलस्तर 15 फीसदी तक गिर गया है. बांधों में पानी की यह हालत तब है जब देश के कई हिस्सों में प्री-मॉनसून बारिश शुरू हो गई है. इससे उम्मीद है कि आने वाले समय में जलस्तर में सुधार होगा. मौसम विभाग ने इस साल सामान्य से ज्यादा मॉनसून बारिश की उम्मीद जताई है. इससे बांधों के पानी में सुधार देखा जा सकता है.

पानी की क्या स्थिति है?

पिछले साल जून में सक्रिय अल नीनो के कारण बारिश की भारी कमी हुई थी. अल नीनो के कारण उत्तर-पूर्व और दक्षिण-पश्चिम मानसून की बारिश में भारी गिरावट आई। इससे देश के बांधों में जलस्तर तेजी से गिर गया। केंद्रीय जल आयोग के बुलेटिन में कहा गया है कि देश के 150 प्रमुख बांधों में पूरी क्षमता का 25 फीसदी पानी बचा है.

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इसमें एक आश्चर्य की बात यह है कि बिहार में एक ही जलाशय है, लेकिन वह पूरी तरह सूख चुका है. इसी तरह उत्तराखंड का नानक सागर बांध भी इस हफ्ते सूख गया है. इसके साथ ही दक्षिण भारत के पांच बांधों में भी पानी नहीं बचा है. रिपोर्ट बताती है कि दक्षिण भारत के 42 बांधों में से 41 में 50 फीसदी से भी कम पानी बचा है. आंध्र प्रदेश के बांधों में पूरी क्षमता का सिर्फ 6 फीसदी पानी बचा है. ये बड़े खतरे की ओर इशारा करता है. अगर मानसून की बारिश अच्छी नहीं हुई तो बांधों की हालत खराब हो सकती है.

बांधो का जलस्तर आया निचा क्या कहती है रिपोर्ट?

रिपोर्ट से पता चलता है कि पश्चिमी क्षेत्र में 49 और उत्तरी क्षेत्र में 10 बांधों में जल स्तर तेजी से गिरा है। मध्य भारत के 26 बांधों का यही हाल है जहां बहुत कम पानी बचा है. इससे पेयजल से लेकर बिजली और सिंचाई सुविधाओं पर प्रतिकूल असर देखने को मिल सकता है. हालांकि कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि अच्छी बारिश सारी स्थिति ठीक कर सकती है. यदि बारिश अच्छी हुई तो बांध फिर से पानी से भर जाएंगे और पानी की कमी दूर हो सकेगी।