मनरेगा 2024 खबर : नरेगा में चल रही Jcb मजदुर पड़े मुश्किलों में

मनरेगा 2024 खबर : नरेगा में चल रही Jcb मजदुर हुए परेशान – सरकार ने मनरेगा के तहत ग्रामीणों को रोजगार मुहैया कराया है. हालांकि, कुछ लाभार्थी अपना स्टाइल दिखाने के लिए जेसीबी मशीन का इस्तेमाल करते दिखे. इससे मजदूरों को अपनी नौकरी जाती नजर आ रही है. वे परेशान हैं.

जानकारी के मुताबिक, गुमला जिले के जारी प्रखंड के मेराल पंचायत के सकतर गांव में जेसीबी मशीन से मनरेगा कुआं खोदा जा रहा है. मनरेगा अधिनियम के तहत कुओं की खुदाई स्थानीय मजदूरों से करायी जानी है. सोमवार रात ग्रामीणों ने जेसीबी मशीन से कुआं खोदने का विरोध किया। इसके बाद भी लाभुक द्वारा मुखिया को धमकी देकर जबरन कुआं खोदवाया गया।

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स्थानीय लोगों के अनुसार वर्ष 2023-24 के तहत सकतर गांव में मनरेगा कूप की योजना गांव के ही राफेल मिंज द्वारा बनाई जा रही है. बताया जा रहा है कि लाभुक राफेल मिंज पंचायत के मुखिया चाजरेन मिंज के रिश्तेदार हैं. मनरेगा कानून के तहत मुखिया के रिश्तेदार काम नहीं करा सकते. इस मामले की जानकारी पूरे प्रखंड में आग की तरह फैल गयी है. इसे मैनेज करने के लिए कई लोग कड़ी मेहनत कर रहे हैं.

मनरेगा 2024 खबर : jcb की वजह से मजदुर मुश्किलों में

जेसीबी मशीन किस व्यक्ति की है इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है। लेकिन, कुएं के सामने बिचौलिये नजर आये. इसकी जानकारी बीपीओ समेत अन्य कर्मियों को भी दी गयी. हालांकि, उन्होंने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि इस योजना को मनरेगा से प्रशासनिक स्वीकृति नहीं मिली है. यहां तक कि इसका जियो टैग भी नहीं किया गया है.

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आपको बता दें कि मनरेगा योजना के तहत संचालित योजनाओं पर काम शुरू करने से पहले नोटिस बोर्ड लगाना अनिवार्य है. लेकिन, किसी भी योजना पर काम शुरू करने से पहले कोई नोटिस बोर्ड नहीं लगाया जाता है. यही कारण है कि किसी को पता नहीं चल पाता कि योजना किस विभाग की है और कितने की है. प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद रातों-रात नोटिस बोर्ड लगा दिए जाते हैं और सिर्फ तस्वीरें ली जाती हैं।

इस संबंध में बीपीओ अजय कुमार सिन्हा ने बताया कि जन प्रतिनिधियों की सूचना पर उक्त तालाब की स्थलीय जांच करायी गयी. हालाँकि, यह मनरेगा योजना के तहत संचालित नहीं है। न ही इसकी प्रशासनिक स्वीकृति दी गयी है.