पिछले सीजन में बारिश होने पर शेड टूटने से सरसों नाले में बह गई थी, इस बार सरसों की सरकारी खरीद इसी सप्ताह शुरू होगी।

सरसों की सरकारी खरीद – डबवाली मंडी में कंडम शेड की दो साल से न मरम्मत हुई, न हटाया गया, गेहूं और सरसों पर फिर संकटशहर की अन्य मंडियों में इसी सप्ताह से सरसों व गेहूं की खरीद शुरू हो जाएगी, लेकिन सादड़ी की सभी सड़कें पिछले 2 साल से बदहाल हैं। विंके के गिरने का खतरा है और पिछले साल सीजन के दौरान शेड के नीचे पानी भर जाने से फसल भी बर्बाद हो गयी थी. इसके बावजूद विपणन विभाग पुराने शेडों को हटाकर नये शेड लगाने में विफल रहा है. इस आर सीजन में नुकसान का खतरा भी खत्म हो गया है.

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सरसों की सरकारी खरीद इसी सप्ताह से शुरू

सरसों की खरीद 20 मार्च से शुरू होगी. ऐसे में यहां किसानों की फसलें निकलनी शुरू हो गई हैं और मौसम भी खराब है. इससे सीजन के दौरान फसल की थ्रेसिंग नहीं होने से फसल खराब होने का डर रहता है। किसानों ने बताया कि पिछले साल दो बार क्षतिग्रस्त शेडों के कारण उनकी फसलें खराब हो गई थी और इस विफलता के कारण मार्केटिंग बोर्ड ने क्षतिग्रस्त शेडों की उचित व्यवस्था नहीं की है। बड़ी मरम्मत नहीं की गई है, केवल सफेदी की गई है।

किसानों में बढ़ रहा आक्रोश

इस संबंध में किसान नेता सिधू भोज, सुरेश पुनिया, गुल यानाना आदि ने बताया कि फिरले बाल चारिश में मांदरी में शेड व फर्श टूटे होने से कीर्तन घरों में गहरे पानी में बह गए। छह किसानों की मेहनत बर्बाद हो गई।

जिसके बाद किसानों ने सचिन, एसीएम और सीए गकोटन बोर्ड को शिकायत की और मांग पत्र दिया, जिसमें अरुला सीजन से पहले समाधान का आश्वासन दिया गया था, लेकिन जैसा कि उप गांधी में होता है, कोई सुधार नहीं किया गया है।

शेड तोड़ने के लिए टेंडर बुलाया गया

इस संबंध में नरवेटिंग कोर्ट के एसडीओ भूष सिंह ने कहा कि उन्होंने टूटे हुए गमलों की मरम्मत करा दी है. इन शेडों को कंडम घोषित कर दिया गया है और इन पर कोई ज्यादा खर्च नहीं कर सकता। हमने डिमांड भेजी है, जवारी पूरी कीमत पर बननी चाहिए। इसके ध्वस्तीकरण का शेड्यूल भी 28 मार्च को मांगा गया है।

जानकारी के बावजूद लापरवाही बरती जा रही है

इस संबंध में आहती स्थिति के उप अनुसंधानकर्ता राजेश जिंदल ने बताया। प्रधान मुरुदीप कामरा ने कहा कि टूटी सड़कें और जाम होने से नुकसान होगा यह मालूम है, लेकिन विभागीय अधिकारी लापरवाही बरत रहे हैं। पिछले प्रश्न में, फिरौन की भूमि पानी में बह गई थी।

मजदूरों और कामगारों को पूरी सुविधाएं नहीं मिलने के कारण पहले से ही नुकसान झेलना पड़ रहा है, अब मस्टर्ड और मेदु चौवन के शब्दों में व्यवसाय को इन पेशेवरों को ध्वस्त करने का काम शुरू नहीं करना चाहिए। गेहूं के सीजन में पहले से ही मंडी में जगह की कमी है। सरसों की सरकारी खरीद , किसान साथियो ख़बर अच्छी लगी तो शेयर जरुर करे

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