इटली की गोरी लड़की को हुआ राजस्थान के युवक से प्यार, ऐसे चढ़ा दोनों का प्यार परवान

राजस्थान में एक ऐसी अनोखी शादी हुई, जिसे देखकर हर कोई हैरान रह गया और इस शादी की चर्चा पूरे जिले में हुई. दौसा जिले में इन दिनों एक विदेशी लड़की और मेहंदीपुर बालाजी के एक युवक के प्यार की खूब चर्चा हो रही है. बुधवार को ही दोनों ने आपसी सहमति से एक-दूसरे के साथ हिंदू रीति-रिवाज से शादी कर ली।

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दोनों की शादी जैसलमेर के बेरा हाउस में दोनों के परिवार वालों के बिच हल्दी की रस्म निभा कर 7 फेरे लेकर हिन्दू रीती रिवाज के साथ इन दोनो प्रेमी जोड़ो की शादी संपन्न हुई.

विदेशी युवती और मेहंदीपुर बालाजी के युवक की शादी की पूरी व्यवस्था 6 मार्च को जैसलमेर के बेरा हाउस में हुई। इसमें वर और वधू पक्ष से केवल 30-30 पारिवारिक सदस्य ही शामिल हुए।

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उदीपुर के बालक बालकृष्ण शर्मा मेहंदीपुर बालाजी में अध्यापक थे। ऋतुराज का बचपन यहीं बीता. उसके कुछ समय बाद ऋतुराज जयपुर आ गए, जहां पर उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की और उसके बाद अपने बिजनेस शुरू किया।
दोस्तों आपको बता दे कि इटली की निवासी क्रिस्टीना सन्न 2018 में अपनि पढाई पूरी करने के के लिए जयपुर शहर में आई जहाँ पर ऋतुराज और क्रिस्टीना पहली बार मिले और धीरे धीरे इनकी दोस्ती हुई और दोस्ती प्यार में बदल गयी. ऋतुराज में दिए गए इंटरव्यू में यह भी बताया कि कैसे उन्हें अपनी कम्पनी के काम से जर्मनी जाना पड़ा था और वहां से वे क्रिस्टीना से मिलने इटली पहुँच गए थे.

ऋतुराज ने बताया कि जब दोनों ने शादी करने का फैसला किया तो क्रिस्टीना के परिवार ने हां कर दी, लेकिन ग्रामीण परिवेश से होने के कारण मुझे अपने परिवार को मनाना बहुत मुश्किल हुआ।

हालांकि, धीरे-धीरे घरवाले भी मान गए। इसके बाद 6 मार्च को हम दोनों ने जैसलमेर में हिंदू रीति-रिवाज और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ शादी कर ली.

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क्रिस्टीना ने बताया कि वह पिछले साल अर्थशास्त्र की पढ़ाई के दौरान एक प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए जैसलमेर आई थीं. और उन्हें भारत देश बहुत ज्यादा पसंद आया और यहाँ की संस्कृति से वे बहुत जायद प्रभावित हुई थी. और इसी कारण से क्रिस्टीना से ऋतुराज को जैसलमेर मे शादी के लिए मना लिया. इसके बाद दोनों ने परिवार वालों से बात की और सभी को जैसलमेर के लिए मना लिया. दुल्हन के माता-पिता ने भी हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार दामाद और उसके परिवार का स्वागत किया।

भाई-बहन क्रिस्टीना को दुल्हन बनाकर मंडप तक ले गए। क्रिस्टीना के माता-पिता ने कन्यादान की रस्म निभाई। पंडित ने मंत्रोच्चारण के साथ क्रिस्टीना और ऋतुराज को 7 फेरों की रस्म पूरी कराई।