किसानों को अक्सर खेती से जुड़ी किसी न किसी समस्या का सामना करना पड़ता है। नकली खाद, बीज और कीटनाशक उनकी समस्याओं में एक और इज़ाफ़ा हैं। ऐसे कीटनाशक फसलों के लिए बड़ा खतरा हैं। कई किसान अनजाने में नकली कीटनाशकों का उपयोग करके अपनी ही फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं। ये नकली उत्पाद दूषित होते हैं और इनमें आमतौर पर खतरनाक तत्व होते हैं। ऐसे उत्पादों का बार-बार उपयोग कभी-कभी मिट्टी की उत्पादकता को स्थायी रूप से नुकसान पहुंचाता है। इसलिए हमेशा बिल पर ही कीटनाशक खरीदें, ताकि नकली होने पर आप उस कंपनी को कोर्ट में घसीट सकें। किसानों को यह भी पता होना चाहिए कि कैसे पहचाना जाए कि कीटनाशक असली हैं या नकली।
व्हाट्सएप्प ग्रुप में जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करे
2015 में फिक्की द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, देश में कीटनाशकों की कुल मात्रा का 30 प्रतिशत नकली पाया गया था। 2019 तक मूल्य के संदर्भ में यह 40 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद है।
ये भी पढ़े:
- श्रेया चौधरी ने स्टेज पर कातिलाना लुक से ढाया कहर, धांसू डांस से सपना को छोड़ा पीछे
- फसलो में नुकसान का बकाया 83 करोड़ रूपये मुआवजा हुआ जारी, इन 52 जिलो के किसानो को मिलेगा मुआवजा
- CM ने 25 लाख से अधिक किसानों के खातों में ‘फसल बीमा योजना’ के तहत 755 करोड़ रुपये की राशि ट्रांसफर
असली और नकली कीटनाशकों की पहचान कैसे करें?
- किसान प्रमाणित दुकानदारों से ही बथवा डीलरो से ही ख़रीदे.
- ऐसे कीटनाशक कभी न खरीदें जिन पर अंग्रेजी और हिंदी में निर्देश न लिखे हों।
3. खरीदने से पहले ये अवश्य देख ले कि उत्पाद पर उचित लेबल लगा हुआ हो एवं उसकी पंजीकरण संख्या लिखी हुई हो.
4. यह भी अवश्य देख ले की उसमे मिलाये गए घटकों का उचित विवरण हो. - सभी ईपीए पंजीकृत कीटनाशकों के तत्व उस उत्पाद पर लेबल स्पष्ट रूप से अंकित हो।
- सभी कीटनाशक बिल पर खरीदें अन्यथा फसल खराब होने पर आप कुछ नहीं कर पाएंगे।
ये भी पढ़े:
- बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से खराब हुई फसल का सरकार देगी मुआवजा, ऐसे मिलेगा योजना का लाभ
- Mahashivratri अर्धनारीश्वर श्लोक : अगर आप भी दुखी है तो भगवान शिव के ये मंत्र आज ही पढ़े
कम कीमत घोटाला
कई बार नकली सामान बेचने वाले असली उत्पाद लेकर उसे पतला कर देते हैं और असली जैसी पैकेजिंग में बेच देते हैं। वे आमतौर पर कम कीमत पर नकली सामान बेचकर किसानों को लुभाते हैं। लेकिन इन उत्पादों से अधिक वित्तीय नुकसान होता है, क्योंकि फसल को कीटनाशकों की आवश्यक खुराक नहीं मिल पाती है। जिसके कारण बार-बार कीटनाशकों के प्रयोग की आवश्यकता पड़ती है, जिसका किसानों के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।
इसलिए अब कीटनाशक निर्माताओं को उत्पाद की प्रामाणिकता की जांच करने का एक तरीका प्रदान करने की आवश्यकता है। नकली कीटनाशक आमतौर पर खुदरा विक्रेताओं के माध्यम से बाजार में आते हैं।