200 साल पहले रातों रात गायब हो गया था ये गाँव, दिन में भी रहता है भूतों का डेरा, नहीं सुलझा आज तक ये रहस्य

इसमें कोई शक नहीं कि भारत का राजस्थान राज्य बेहद खूबसूरत है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस राज्य में आकर आपको ना सिर्फ अलग-अलग जगहों का दिलचस्प इतिहास पता चलेगा बल्कि यहां की रंग-बिरंगी संस्कृति के बारे में भी पता चलेगा- यहां के खूबसूरत कपड़े, अनोखी कलाकृतियां और मशहूर व्यंजन भी पूरी दुनिया में मशहूर हैं।

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हां, यह अलग बात है कि यहां की पारंपरिक भूमि में कई ऐसे रहस्य दफन हैं, जो सदियों बाद भी उतने ही ताजा और अनसुलझे हैं, जितने अपने समय में थे। ऐसा ही एक रहस्य राजस्थान के जैसलमेर जिले के कुलधरा गांव में भी दफन है, जिसे जितना सुलझाने की कोशिश की जाती है, मामला उतना ही उलझता जाता है।

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कुलधरा गाँव कहाँ है?

कुलधरा गाँव जैसलमेर से 17 KM दूर है. लेकिन इस गाँव में कोई भी मोहल्ला नहीं है ये गाँव देखने पर वीरान नजर आता है. इस गाँव को देखने पर इस गाँव में दूर दूर तक सिर्फ खंडहर और रेगिस्तान के साथ खाली घर दिखाई देते है. जिसे देखकर हर किसी के मन में दर बैठ जाता है, इस गाँव का खंडहर नुमा रूप इस गाँव को और भी डरावना बना देता है.

आपको बता दे कि इस गाँव मे शाम के 6 बजे के बाद कोई भी प्र्वेर्ष नहीं करता है. कुलधरा के बारे में आपको बता दे कि कभी ये गाँव भी आबाद हुआ करता था इस गाँव के आस पास के 84 गाँव पालीवाल ब्राह्मण के द्वारा बसाए गए थे इस गाँव का रहस्य आज भी लोगो के बिच एक अनसुलझा रहस्य बना हुआ है.

क्या हुआ इस गांव में

आपको बता दे कि इस गाँव की कहानी बड़ी ही दिलचस्प और रोचक है और 200 साल पुरानी है. ये गाँव जिसका नाम कुलधरा है और राजस्थान के जैसलमेर जिले के पास बसा हुआ हैये हमेशा से वीरान और खंडहर नहीं था बल्कि इस गांवमे 5000 से ज्यादा लोग बसते थे जो खेती कर अपना जीवन यापन करते थे. लोक कथाओं और मान्यताओ की माने तो इस गाँव को पालीवाल ब्राह्मणों ने बसाया था. परन्तु इस राज्य का दीवान सलेम सिंह बड़ा अय्याश और धोखेबाज व्यक्ति था। उसकी बुरी नजर ग्राम प्रधान की खूबसूरत बेटी पर थी। दीवान उस लड़की को पाने के लिए किसि भी हद तक जाने के लिए तैयार था.

उसने गांव वालों को संदेश भेजा कि वे लड़की को उसके हवाले कर दें, नहीं तो अंजाम बहुत बुरा होगा और यदि गाँव वाले उस लड़की को नहीं सोम्पेंगे तो वह उस लड़की को उठा कर ले जायेगा.

रातों-रात गाँव गायब हो गया

दीवान की धमकी के बाद गांव वाले एकजुट हो गए और लड़की के सम्मान में उसके खिलाफ खड़े हो गए। गांव वालों ने पंचायत बुलाई और लड़की को बचाने के लिए रातों-रात गांव को छोड़ कर जाने का फैसला लिया और अत्याचारों से व्यतीत होकर गाँव वालो ने रातो रात उस गाँव को खाली कर दिया. जाते जाते पालीवाल ब्राह्मणों ने गाँव को श्राप दिया कि कोई भी व्यक्ति यहाँ कभी नहीं बस पाएगा, जिसके बाद कुलधरा गाँव हमेशा के लिए वीरान हो गया।

आध्यात्मिक शक्तियों द्वारा कब्ज़ा

दोस्तों आपको बता दे कि लोगो के अनुसार इस गाँव में आज भी किन्ही अध्यात्मिक शक्तियों का निवास है और यहाँ पार उन पालीवाल ब्राह्मणों की मौजूदगी का एहसास आज भी होता है. आपको बता दें कि बदलते वक्त के साथ 82 गांवों का पुनर्निर्माण किया गया, लेकिन दो गांव कुलधरा और खाभा तमाम कोशिशों के बावजूद आज तक आबाद नहीं हो पाए हैं। कुलधरा गांव अब भारतीय पुरातत्व विभाग के संरक्षण में है, इस गाँव को पर्यटकों के लिए दिन के समय खोला जाता है।

6 बजे के बाद कोई नहीं जाता

सरकार ने भी बहुत बार इन गाँवों को बसाने की कोशिश की लेकिन हर बार असफलता हासिल हुई। प्रशासन ने कुलधरा गांव की बॉर्डर पर एक गेट का निर्माण करवाया है, इस गाँव को देखने के लिए दिन में तो यहाँ पर्यटक बहुत संख्या में आते हैं लेकिन शाम को 6 बजे इस गेट को पार करने की हिम्मत कोई नहीं कर पता. आपको बता दें कि कुलधरा गांव में एक ऐसा मंदिर है, जो आज भी श्राप से मुक्त है। यहां एक बावड़ी भी है, जो उस समय पीने के पानी का स्रोत थी। हालाँकि, दिन के उजाले में यहाँ सब कुछ इतिहास की कहानी जैसा लगता है। लेकिन शाम होते ही यहां सब कुछ बदल जाता है.