बिजली को लेकर CM भजनलाल ने दिए अधिकारीयों को आदेश, बिजली विभाग के साथ हुई अहम् मीटिंग

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने ऊर्जा विभाग की समीक्षा के लिए अपने कार्यालय में अधिकारियों की बैठक बुलाई. बैठक में सीएम शर्मा ने कहा कि विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से आमजन को राहत पहुंचाने के लिए ऊर्जा उत्पादन में आत्मनिर्भरता बहुत जरूरी है. फिलहाल हमारी बिजली कंपनियों पर करीब 90 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है. बजट का एक बड़ा हिस्सा इस कर्ज को चुकाने में जा रहा है.

सीएम शर्मा ने अधिकारियों को राज्य की ऊर्जा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए भविष्य के लिए रोडमैप तैयार करने के निर्देश दिए. विभाग का ध्यान आंकड़ों में हेरफेर की बजाय वास्तविक और ठोस परिणाम देने पर होना चाहिए। साथ ही उन्हें जनता की समस्याओं को समझना चाहिए और संवेदनशीलता के साथ काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि आम लोगों को सस्ती दरों पर और सुचारू रूप से बिजली मिले। रबी की फसल के मद्देनजर यह समय किसानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्हें निर्बाध विद्युत आपूर्ति मिलनी चाहिए।

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कोयले की आपूर्ति होगी सुचारू, विभाग प्रभावी उत्पादन और वितरण करे

सीएम शर्मा ने कहा कि पिछले वर्षों में विभिन्न कारणों से छत्तीसगढ़ स्थित राजस्थान को आवंटित कोयला खदानों से आपूर्ति बाधित हुई थी. अब बेहतर समन्वय से राज्य को वहां से कोयला आपूर्ति करने में कोई दिक्कत नहीं होगी. ऊर्जा विभाग को अपनी सभी विद्युत उत्पादन इकाइयों का प्रभावी संचालन एवं विद्युत का सुचारु वितरण सुनिश्चित करना होगा। इकाइयों के रखरखाव एवं संचालन में कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। साथ ही बिजली की कमी की समस्या का भी प्रभावी मॉनिटरिंग कर समाधान करना होगा.

सौर ऊर्जा के क्षेत्र में प्रदेश में असीमित सम्भावनाएँ

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान के पास देश का सबसे बड़ा भूमि बैंक है। सौर ऊर्जा के क्षेत्र में राज्य में अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में आने वाले निवेशकों को उपयुक्त माहौल और प्रोत्साहन मिलना चाहिए। साथ ही इस क्षेत्र में हस्ताक्षरित एमओयू में राज्य और यहां की जनता के हितों को केंद्र में रखा जाना चाहिए.

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उन्होंने कहा कि प्लांटों में उपयोग होने वाली मशीनरी का निर्माण राज्य में ही हो, इसके लिए भी नीति बनायी जाये. केंद्र सरकार द्वारा संचालित पीएम कुसुम योजना का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे, इस दिशा में काम किया जाना चाहिए। राज्य में सरकारी भवनों, आवासीय भवनों आदि की छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए आवश्यक प्रयास किए जाने चाहिए ताकि राज्य ऊर्जा आपूर्ति में आत्मनिर्भर बन सके और पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिल सके।

इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को राज्य में बिजली की मांग और आपूर्ति के बीच के अंतर को पाटने और इसके कारणों का विस्तार से अध्ययन करने के निर्देश दिये. बैठक में ऊर्जा राज्य मंत्री हीरालाल नागर, मुख्य सचिव सुधांश पंत, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अखिल अरोरा, प्रमुख सचिव ऊर्जा भास्कर ए सावंत, राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम लि. उपस्थित थे। सीएमडी आशुतोष ए.टी. पेडणेकर राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के सीएमडी आर.के. शर्मा, राजस्थान ऊर्जा विकास निगम के एमडी एम.एम. रिणवा, राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के एमडी अनिल ढाका, जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के एमडी आर.एन.कुमावत, जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के एमडी प्रमोद टांक, अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के एमडी एन.एस.निर्वाण एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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