नमस्कार किसान साथियों इन दिनों कड़ाके की ठंड से सिर्फ इंसान ही नहीं बल्कि पशु भी परेशान है जैसा कि आप सभी को पता है कई इलाकों में शीत लहर का प्रकोप इतना ज्यादा है कि वहां पर दिन का तापमान काफी कम हो जाता है सर्दी के मौसम में कई बार अधिक सर्दी पड़ने पर हमारे पशु बीमार हो जाते हैं जिसका सीधा असर दूध पर पड़ता है पशुओं के दूध देने की क्षमता भी काम हो जाती है ऐसे में जो लोग डेरी फार्मिंग करते हैं या फिर जिनका दूध से जुड़ा हुआ काम है उनको कई बार आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है।
दोस्तों आज की इस पोस्ट में हम जानेंगे कि अपने पशुओं को हम इस भयंकर सर्दी में शीत लहर की प्रकोप से कैसे बचा सकते हैं जिससे हमारे पशु भी सर्दी से बचे रहे और हमें आर्थिक नुकसान भी ना उठाना पड़े इसके लिए हमें कोई ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं है बल्कि पशु चिकित्सकों के बताया अनुसार ही चलना है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें की पशु चिकित्सकों के अनुसार अधिक ठंड पड़ने पर पशुओं की सेहत पर तो असर पड़ता ही है इसके साथ-साथ उनकी प्रजनन क्षमता पर भी असर पड़ता है और ठंड लगने से वह बीमार पड़ जाते हैं जिससे बेचारा खाना काम कर देते हैं जिसका सीधा असर दूध के उत्पादन पर पड़ता है। ऐसे हालातो में किसान भाइयों को अपने पशुओं को ठंड से बचने के लिए क्या करना पड़ेगा आइए जानते हैं।
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दोस्तों अपने पशुओं को ठंड से बचने के लिए हमें सर्दी में अक्सर चलने वाली शीत लहर से बचना चाहिए अपने पशुओं को सर्दी के मौसम में ऐसी जगह में ना बांधे जिस जगह पर धूप न आती हो क्योंकि धूप न रहने वाली जगह पर ठंडी हवाओं का असर सबसे ज्यादा होता है। ऐसा करके हम अपने पशुओं को ठंड लगने से बचा सकते हैं दोस्तों इसके अलावा गौशाला में रहने वाले पशुओं को भी ठंड से बचाना उतना ही जरूरी होता है जितना जरूरी हमारे घर के पशुओं को ठंड से बचाना होता है.
गौशाला में पशुओं को ठंड से बचने के लिए गौशाला को चारों तरफ से बंद कर देना उचित रहता है गौशाला में ऐसा स्थान खुला ना छोड़े जिस स्थान से ठंडी हवा अंदर आती हो यदि आपके इलाके में ठंड का प्रकोप ज्यादा है या शीतलहर चल रही है तो आप जरूरत पड़ने पर खिड़की और वेंटीलेटर को भी बंद कर सकते हैं इसके अलावा छोटे पशुओं को ठंड से बचने के लिए आप उनके ऊपर कंबल या जुट के बोरों से पशुओं को ढक सकते हैं जिससे उन्हें ठंड लगने की संभावना कम हो जाएगी।
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साथियों इसके अलावा हम पशुओं के पास आज भी जला सकते हैं जिससे आसपास का वातावरण गर्म होगा और पशुओं को सर्दी से बचाव होगा। दोस्तों पशु चिकित्सकों के अनुसार दुधारू पशुओं को मौसम के अनुसार ही चारा खिलाना चाहिए। क्योंकि सर्दी के मौसम में जानवरों की पाचन क्रिया बढ़ जाती है जिससे उन्हें भूख भी ज्यादा लगेगी इसलिए अपने पशुओं को ठंड के मौसम में ज्यादा से ज्यादा चारा और मोटा अनाज खिलाएं। इसके अलावा अधिक सर्दी के दौरान अपने पशुओं को हम सरसों की खल भी खिला सकते हैं।
दोस्तों पशु चिकित्सकों की मणि तो गाय भैंस को अच्छे धूप में बांधना चाहिए और उनके नीचे सूखा भूसा भी डाल सकते हैं जिससे ठंडी जमीन का असर पशुओं पर नहीं पड़ेगा और पशुओं को ठंड लगने की संभावना कम हो जाएगी। यदि इसके अलावा आपके पशुओं को ठंड लगने के लक्षण दिखाई देते हैं तो आप तुरंत उनका इलाज करवा और अपने पशुओं को सर्दी के मौसम में ठंडा पानी न पिलाकर गुनगुना पानी पिलाए। जिससे पशुओं को ठंड से बचाया जा सके इसके अलावा आप दिसंबर से फरवरी महीने के दौरान अपने पशुओं को एक या दो बार सरसों का तेल भी दे सकते हैं जो की सरसों का तेल शरीर को अंदर से गर्म रखने का काम करता है.
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