Farming Expert, New Delhi : केंद्र सरकार ने लोगों के लिए रेल यात्रा और यात्रा के लिए ऑनलाइन ड्राफ्ट वारंट जारी किए हैं। इसमें रेलवे स्टेशन और ट्रेन में बेहतर डिज़ाइन सुविधा के साथ ही ‘टेक्स्ट-टू-स्पीच’ (विशेषता जिसमें कोई व्यक्ति स्क्रीन पर लिखा होता है,
- ये भी पढ़े : 1 जनवरी से लागू होने जा रहे हैं ये 3 बड़े नियम, तुरंत निपटा लें जरूरी काम: New Year 2024 New Rules
- ये भी पढ़े :कर्मचारियों के लिए 2024 में छुट्टियों का कलेंडर हुआ जारी, 2024 में मिलेगी इतनी छुट्टियां: Govt Holiday List 2024
तो इसे श्रव्य ध्वनि के रूप में बदल दिया जाता है ताकि लोग इसे दूसरा नाम सुन सकें) और उपयोगकर्ता के अनुकूल ‘चित्रलेख’ या ‘चित्र वाले चार्ट’ जैसी तकनीक आधारित सामग्री उपलब्ध की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।
जनसंपर्क विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने रेल का इस्तेमाल करने वाले लोगों के लिए 29 जनवरी से 29 जनवरी तक वोटधारकों और जनता के लिए गठबंधन, विचारधारा और सलाह की सलाह दी है।
प्रस्तावित आवेदन में ‘दिव्यांगजनों’ के लिए समर्पित एक वेबसाइट की आवश्यकता का भी उल्लेख किया गया है, जो उन्हें रीच तक सभी सुविधाएं बनाने में मदद करें।
ड्राफ्ट के विश्वासपात्र के अनुसार, ये दुनिया के दूसरे देशों में प्रयोग की जा रही है, इसमें सिद्धांतों पर आधारित बातें और वेबसाइट, वर्ल्ड वाइड वेब के सिद्धांत शामिल हैं, जिनमें ‘टेक्स्ट-टू-स्पीच’ और ‘चित्रलेख’ जैसी बातें शामिल हैं।
बच्चों की होगी मोबाइल ऐप
मसौदे में अलॉटमेंट्स के लिए एक समर्पित मोबाइल ऐप और ‘वन-क्लिक’ बनाना भी शामिल है, जो भारतीयों के साथ-साथ ट्रेन में भी उनके लिए उपलब्ध सभी जानकारी और सुविधाओं को चित्रित करता है।
अखिल भारतीय संस्थान पर दीप्ति संकेत बोर्ड का प्रस्ताव भी दिया गया है जिसमें ‘ब्रेल चिन्ह’ भी होगा। असेंबलियों के साथ प्रभावशाली साकेतिक भाषा में अध्ययन किया जाएगा।
वैष्णवों की सुविधा के लिए रेलवे विश्विद्यालय व ट्रेन में प्रवेश व विश्राम को आसान बनाना, पंजीकरण व रेलिंग की व्यवस्था तथा स्पष्ट साइन बोर्ड के साथ आसान निर्माण की सलाह दी गई है। ड्राफ्ट के अनुसार, ‘दिव्यांगजन सहायकों’ के नाम से लेकर कमपेजल वाले टिकट,
काउंटर और सहायता बूथ भी मांगे गए हैं। इन विश्लोक में किसी भी तरह के रणनीतिक वाले एरिया बनाने, टॉयलेट टॉयलेट, प्रिंस बूथ और ‘
फुट-ओवर ब्रिज’ बनाने पर भी जोर दिया गया है। प्रोटोटाइप में लचीलेपन की सुविधा और रोशनी के बेहतर प्रबंधन की आवश्यकता का उल्लेख किया गया है।