सरसों का भाव कब बढ़ेगा – क्या फिर लौटेगी सरसों में तेजी जानिए बाजार का हाल

सरसों का भाव कब बढ़ेगा – नमस्कार किसान मित्रो सरसों की नयी फसल मंडियो में आनी शुरू हो चकी है इसी के बिच किसानो के मन में शंका है की भाव कब तक आएगा आज इस पोस्ट में जानेगे सभी जानकारिया –

सरसों का भाव कब बढ़ेगा
सरसों का भाव कब बढ़ेगा

पुरानी सरसों का स्टाक इस बार ज्यादा बचा है, क्योंकि पाम सहित दूसरे खाद्य तेल सस्ते होने से सरसों की पिराई काफी कम हुई है तथा नई फसल भी बिजाई अधिक होने से बंपर है। सरसों की फसल राजस्थान मध्यप्रदेश गुजरात में आने वाली सरसों में प्रति हेक्टेयर उत्पादकता अधिक होने की खबर मिल रही है तथा क्वालिटी भी बहुत बढ़िया आई है। मौसम अनुकूल होने से इस बार चौतरफा किसानों ने बिजाई अधिक किया है तथा उन्नतशील बीज सरकार द्वारा राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा एवं यूपी में मुहैया कराया गया है, जिसके चलते पिछले साल की तुलना में अबकी बार सरसों का उत्पादन अधिक होने का अनुमान है|

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फ़िलहाल सरसों का उत्पादन और दैनिक आवक –

गत वर्ष का उत्पादन अनुमान सेमिनार के बाद 125 लाख मैट्रिक टन का आ गया था तथा इस बार अभी तक खेतों एवं खलिहानों में सरसों की खड़ी फसल एवं कटी हुई को देखते हुए 133 से 134 लाख मीट्रिक टन उत्पादन होने का अनुमान लगाया जा रहा है। फरवरी का अंतिम सप्ताह बीतने वाला है तथा यूपी राजस्थान मध्य प्रदेश गुजरात सहित देश की सभी मंडियों को मिलाकर सरसों की आवक ढाई लाख क्विंटल दैनिक से अधिक होने लगी है। पुराना सरसों भी 40-45 हजार क्विंटल दैनिक आ रही है।

यही कारण है कि लगातार बाजार टूटते जा रहे हैं। फिलहाल सरसों की क्रेशिंग इस बार अधिक नहीं हो पाई है, क्योंकि उसके नीचे नीचे सोयाबीन तेल के भाव टूटते चले गए। उधर पाम के भाव पूरे वर्ष लगातार रुक रुक कर नीचे आते रहे हैं, जिसके चलते सरसों की पिराई, पड़ते के अभाव में मिलों ने कम किया। यही कारण है कि वर्तमान में सरसों का स्टॉक 15-20 लाख मैट्रिक टन बचने का अनुमान आ रहा है मंडियों में सरसों की आवक लगातार बढ़ती जा रही है।

sarson ka bhav – सरसों का भाव भविष्य 2023 – 2023 में सरसों का भाव क्या रहेगा ?

इधर मध्यप्रदेश के डबरा, इंदौर ग्वालियर, शिवपुरी, रतलाम लाइन में भी सरसों का स्टॉक बचा हुआ है। उत्तर प्रदेश के कानपुर, फर्रुखाबाद, एटा, मैनपुरी, खुर्जा, आगरा, मथुरा लाइन में भी सरसों स्टॉक में बहुत पड़ी हुई है। हरियाणा के दादरी, भिवानी लाइन में भी सरसों निकल नहीं पाई है। यहां तक कि बिहार की मंडियों में भी सरसों का स्टॉक कारोबारियों के गले में फंसा हुआ है, इन परिस्थितियों को देखते हुए अभी सरसों में अखिल भारतीय तेल तिलहन सेमिनार तक 300-400 रुपए प्रति क्विंटल और घट जाने की संभावना दिखाई दे रही है।

अपील – किसान साथियो व्यापार अपने विवेक से करे | हमारा उदेश्य सिर्फ किसानो तक जानकारी पहुँचाना है | किसी भी प्रकार के निवेश से पहले अपने वितीय सलाहकार से सलाह जरुर करे |

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